नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सदन को बताया कि 1952 में पहली बार एसआईआर करने वाली कांग्रेस आज कैसे उसी का विरोध करने पर आमादा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में चुनावी सुधार को लेकर अमित शाह के भाषण की प्रशंसा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लोकसभा कार्यवाही की एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भाषण उत्कृष्ट था। उन्होंने ठोस तथ्यों के साथ हमारी चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं और हमारे लोकतंत्र की शक्ति को उजागर किया और विपक्ष के झूठ का पर्दाफाश भी किया।
वहीं, भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सदन में अच्छी सार्थक चर्चा हुई। जब गृह मंत्री अमित शाह इनके सवालों के जवाब दे रहे थे तो वे क्यों घबरा गए? जब घुसपैठियों पर बात आई तो विपक्षी नेता वॉकआउट कर गए।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सदन में मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) का जोरदार बचाव करते हुए भारत के लोकतंत्र के शुरुआती वर्षों से इसके इतिहास का हवाला दिया और कांग्रेस पर इस प्रक्रिया को लेकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि 2004 तक किसी भी राजनीतिक दल ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध नहीं किया था। स्वच्छ मतदाता सूचियों और स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक है। यदि मतदाता सूचियां, जो चुनावों का आधार हैं, सटीक और अपडेट नहीं हैं, तो हम चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीद नहीं कर सकते। इसलिए, मतदाता सूचियों की एसआईआर आवश्यक है। इसी के अनुरूप, चुनाव आयोग ने 2025 में एसआईआर आयोजित करने का निर्णय लिया है।
अमित शाह ने कहा कि सबसे पहला एसआईआर 1952 में हुआ। उस समय कांग्रेस पार्टी से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे। दूसरा एसआईआर 1957 में हुआ। उस समय भी कांग्रेस पार्टी से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे। तीसरा एसआईआर 1961 में हुआ। उस समय भी कांग्रेस पार्टी से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे। 1965–66 में एसआईआर हुआ, उस समय भी कांग्रेस से लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री थे। 1983–84 में एसआईआर हुआ, उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं। 1987–89 में एसआईआर हुआ, उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। 1992–95 में एसआईआर हुआ, उस समय प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव थे। 2002–03 में एसआईआर हुआ, उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। 2004 में एसआईआर समाप्त हुआ, उस समय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह थे।
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