गांधीनगर, 27 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को वलसाड जिले के धरमपुर के निकट श्रीमद् राजचंद्र मिशन में राज्य सरकार के 12वें चिंतन शिविर का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंतन शिविर के माध्यम से हमेशा समय से आगे की सोच के साथ और निरंतर चिंतन करते हुए वैश्विक स्तर पर आगे रहने की संस्कृति विकसित की है।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि ऐसे चिंतन शिविर किसी भी स्थिति में दृढ़ मनोबल और अडिग विश्वास से विकास की गति और आम जन की भलाई के कार्यों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सामूहिक चिंतन का मंच प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने हर चिंतन शिविर के प्रारंभ में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रेरणा गीत ‘मनुष्य तू बड़ा महान है’ के भाव को मार्मिक अंदाज में समझाते हुए कहा कि हम सभी में जो अनंत शक्ति अंतर्निहित है, उसकी ताकत और क्षमता को पहचानकर लगातार जनहित के काम करते रहने की प्रेरणा चिंतन शिविर के विचार-मंथन से मिलती है।
उन्होंने कहा कि हमें ऐसी सकारात्मक सोच के साथ कार्यरत रहना चाहिए, जिसमें हमें जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरी निष्ठा से निभाएं और लोगों के काम जैसे-तैसे निपटाने के बजाय उनका समाधान लाएं, तभी ईश्वर द्वारा हमें दिए गए जनसेवा के अवसर की प्रतिष्ठा बढ़ा सकेंगे। इसके लिए उन्होंने समझाया कि हम जो भी कार्य करें, उसका मूल्यांकन और चिंतन करने के साथ ही समय-समय पर उसके परिणामों का मंथन भी करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2003 में चिंतन शिविर की शुरुआत करते हुए कही गई बात “साथ आना शुरुआत है, साथ में विचार करना प्रगति है और साथ काम करना सफलता है” का उल्लेख करते हुए कहा कि चिंतन शिविरों के माध्यम से ‘सामूहिक चिंतन से सामूहिक विकास’ का ध्येय पूरा हुआ है। अब इन तीन दिनों के शिविर में हमें और तेज गति एवं श्रेष्ठता की दिशा में साथ मिलकर आगे बढ़ने का मंथन करना है।
उन्होंने अपील की कि पूज्य बापू के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो…’ का मर्म और अर्थ भी समग्र सेवा काल के दौरान अपनाएं और सभी के कल्याण के लिए हमेशा कर्तव्यरत रहें।
भूपेंद्र पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के आह्वान में गुजरात को नेतृत्व की भूमिका के लिए तैयार करने में इस शिविर के दौरान किया जाने वाला विचार-मंथन उपयुक्त होगा।
उन्होंने 2035 में आने वाले गुजरात की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के जश्न के अवसर को विकसित भारत-विकसित गुजरात के लिए तैयार किए गए सरकार के रोडमैप में एक मील का पत्थर करार दिया।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस रोडमैप को जनता के कल्याण के लिए कैसे और अधिक उपयोगी और अभिनव बनाया जा सकता है, इसके लिए सभी सहभागियों के विचार भी तीन दिवसीय शिविर के चर्चा सत्रों में मिलेंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव हारित शुक्ला ने स्वागत भाषण में 12वें चिंतन शिविर की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने पहले के चिंतन शिविरों का स्मरण करते हुए कहा कि उन शिविरों में हुई चर्चा के आधार पर जो सिफारिशें प्राप्त हुईं, उन पर निर्णय लेने से प्रशासन में काफी तेजी आई है।
उन्होंने चिंतन शिविर का एजेंडा तय करने के लिए किए गए मंथन का ब्योरा दिया और उपस्थित ‘टीम गुजरात’ के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे शिविर से प्राप्त निष्कर्षों का उपयोग सार्वजनिक प्रशासन और सेवा को आसान बनाने में करें।
उन्होंने बताया कि इस 12वें चिंतन शिविर में विकसित गुजरात को और भी दृढ़तापूर्वक साकार करने के लिए जिन पांच फोकस सब्जेक्ट को चर्चा एवं समूह चर्चा के लिए चुना गया है, उनमें क्षमता निर्माण और मूल्यांकन, पोषण एवं स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा एवं पर्यावरण, सार्वजनिक सुरक्षा और सेवा क्षेत्र में वृद्धि आदि शामिल हैं।
--आईएएनएस
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