मुंबई, 18 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। गिरावट की वजह वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के उम्मीद से कमजोर नतीजों को माना जा रहा है।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 501.51 अंक या 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,757.73 और निफ्टी 143.05 अंक या 0.57 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,968.40 पर बंद हुआ।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बड़ी गिरावट हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 414.60 अंक या 0.70 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 59,104.50 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 157.65 अंक या 0.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,959.65 पर था।
ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, एनर्जी, एफएमसीजी, प्राइवेट बैंक और कमोडिटी सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे। आईटी, मेटल और मीडिया इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक, इन्फोसिस, एमएंडएम और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स थे। एक्सिस बैंक, बीईएल, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन, इटरनल (जोमैटो), पावर ग्रिड,ट्रेंट और टेक महिंद्रा टॉप लूजर्स थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार में व्यापक गिरावट की वजह फाइनेंशियल और आईटी सेक्टर की कंपनियों की ओर से उम्मीद से कमजोर नतीजे पेश करना है। लार्जकैप शेयरों में ऊंचे मूल्यांकन और एफआईआई द्वारा की गई शुद्ध शॉर्ट पोजीशन के कारण निवेशकों में सतर्कता की भावना पैदा हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि टैरिफ की धमकियां रूस के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों पर भी असर डाल रही हैं। इन दबावों के बावजूद, भारत के लिए मध्यम से दीर्घकालिक दृष्टिकोण आशावादी बना हुआ है।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान में हुई थी। सुबह 9:44 पर सेंसेक्स 242 अंक या 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,014 और निफ्टी 64 अंक या 0.26 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,044 पर था।
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