विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने ली 'युवा शक्ति, भारत की शक्ति' की शपथ

विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने ली 'युवा शक्ति, भारत की शक्ति' की शपथ

नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। देश भर के अनेक विश्वविद्यालयों में बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम हुआ, जिसमें छात्रों ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' पहल को समर्थन देने और 'विकसित भारत' मिशन में अपना योगदान देने की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार यह बात कह चुके हैं कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना हमारा संकल्प है, और इसमें युवाओं की भूमिका सबसे अहम है।

"युवा शक्ति, भारत की शक्ति – एक युवा, एक राष्ट्र, एक संकल्प" नामक इस शपथ कार्यक्रम का आयोजन 'एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज' (एआईयू) द्वारा देश के पांच क्षेत्रों में किया गया। इसका उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति, एकता और राष्ट्रीय गर्व की भावना को मजबूत करना था।

सभी प्रतिभागियों ने एआईयू की पहल का स्वागत किया, जिसका उद्देश्य देश के युवाओं को भारत के विवेक-रक्षक के रूप में आकार देना है। कार्यक्रम में शामिल कई छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने आईएएनएस से बातचीत की जिसमें उन्होंने इस पहल के बारे में अपने उत्साह के साथ-साथ उम्मीदों को भी साझा किया और यह भी कहा कि यह उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए बड़े कार्य करने के लिए तैयार करेगा।

कश्मीर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलोफर खान ने कहा, “उच्च शिक्षा के लिए प्रमुख संस्थानों में से एक होने के नाते, हमने अपने विद्यार्थियों को राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों से अवगत कराया और पर्यावरण-संरक्षण की शिक्षा भी दी, जो इस शपथ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।”

वहीं प्रोफेसर नसीर इकबाल ने बताया कि सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया और शपथ ली। उन्हें राष्ट्रीय हित के लिए खुद को समर्पित करते हुए अनुशासन, ईमानदारी और निष्ठा के महत्व पर सबक दिए गए। साथ ही, उन्हें 'ऑपरेशन सिंदूर' की जानकारी दी गई, जिसे दुनिया भर में सराहा जा रहा है। छात्रों को इस पर गर्व करना चाहिए और राष्ट्र की उन्नति के लिए बड़े प्रयास करने चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के फिजिकल कॉलेज में बीपीएड के एक छात्र ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम पूरे देश में होने चाहिए और युवाओं को इस तरह की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित और उत्साहित किया जाना चाहिए।

दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. अफशर आलम ने कहा, “हम प्रधानमंत्री मोदी के विजन में पूरी तरह विश्वास रखते हैं और देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक होने के नाते हम दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं।"

चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की प्रो-चांसलर प्रोफेसर हिमानी सूद ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर मेरे लिए एक महिला होने के नाते बहुत खास था, क्योंकि यह हर बहन, मां और बेटी के सम्मान के लिए लड़ा गया। यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि पूरा देश आतंकवाद और भारत को विभाजित करने की नापाक कोशिशों के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सशस्त्र बलों के पीछे खड़ा है।"

एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के महासचिव पंकज मित्तल ने कहा, “एआईयू दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है, जिसके साथ लगभग 1100 विश्वविद्यालय जुड़े हैं। भारत के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में करीब 4.5 करोड़ विद्यार्थी पढ़ते हैं, और हम उनका प्रतिनिधित्व करते हैं। हमने यह शपथ ली है कि हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है और हमेशा रहेगा।”

हजारों छात्रों की भागीदारी से “युवा शक्ति, भारत की शक्ति” अभियान ने विविधता में एकता का सजीव उदाहरण प्रस्तुत किया और समावेशिता के साथ-साथ युवा सशक्तिकरण का संदेश दिया। साथ ही, यह संदेश दिया कि भारत के युवा मिलकर विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को जरूर पूरा करेंगे।

--आईएएनएस

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