पीएसआई भर्ती घोटाले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने दोबारा जांच के आदेश दिए

कर्नाटक हाईकोर्ट

बेंगलुरु, 10 नवंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक बड़े फैसले में 545 पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) पदों के लिए दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया और इस पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति पी.एस. दिनेश कुमार की अध्यक्षता और न्यायमूर्ति टी.जी. शिवशंकर गौड़ा की खंडपीठ ने आदेश पारित किया था और इस संबंध में कर्नाटक सरकार के आदेश को बरकरार रखा था।

इस संबंध में चयनित अभ्यर्थियों द्वारा याचिका प्रस्तुत की गई थी। उन्होंने अदालत से उनकी भर्ती को सुविधाजनक बनाने का भी अनुरोध किया था। यह घोटाला पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में सामने आया था।

मौजूदा कांग्रेस सरकार ने घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे और यह भी घोषणा की थी कि वह इस घोटाले की दोबारा जांच करेगी। पुलिस ने घोटाले के सिलसिले में राज्य के इतिहास में पहली बार एक एडीजीपी रैंक के अधिकारी सहित 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

545 रिक्त पदों के लिए 3 अक्टूबर 2021 को आयोजित परीक्षा में 54,041 उम्मीदवार बैठे थे। परीक्षा पूरे राज्य में 92 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। परिणाम जनवरी 2022 में घोषित किए गए थे।

बाद में आरोप लगे कि डिस्क्रिप्टिव राइटिंग में बेहद खराब प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों को पेपर 2 में अधिकतम मार्क्स मिले। हालांकि, पिछली भाजपा सरकार के तहत पुलिस और तत्कालीन गृह मंत्री ने पीएसआई भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया था।

एक अभ्यर्थी ने आरटीआई आवेदन दायर कर एक अभ्यर्थी की ओएमआर शीट के बारे में जानकारी मांगी। हालांकि आवेदन खारिज कर दिया गया था, उम्मीदवार की ओएमआर शीट सार्वजनिक डोमेन में दिखाई दी। 

पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभ्यर्थी वीरेश ने पेपर 2 में केवल 21 सवालों के जवाब दिए थे, लेकिन उसे 100 मार्क्स मिले। उसे 7वीं रैंक दी गई। 

आरडीपीआर, आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने तब आरोप लगाया था कि 545 उम्मीदवारों में से 300 से अधिक ने पीएसआई बनने के लिए अधिकारियों और मंत्रियों को 70 से 80 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। तब, सत्तारूढ़ भाजपा ने उन्हें सीआईडी के समक्ष सबूत पेश करने की चुनौती दी थी।

--आईएएनएस

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