विटामिन-ई सिर्फ त्वचा का विटामिन नहीं है, मन-मस्तिष्क को रखता है दुरुस्त

विटामिन-ई सिर्फ त्वचा का विटामिन नहीं है, मन-मस्तिष्क को रखता है दुरुस्त

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वस्थ शरीर के लिए सिर्फ बाहरी देखभाल ही जरूरी नहीं है, बल्कि शरीर को अंदरूनी पोषण देना भी जरूरी है। शरीर को असली ताकत सही पोषक तत्वों, खनिज और विटामिन से मिलती है। आज हम बात कर रहे हैं विटामिन-ई की।

विटामिन-ई को लेकर धारणा है कि ये सिर्फ “त्वचा का विटामिन” है, लेकिन ऐसा नहीं है। शरीर के कोने-कोने को ऊर्जा पहुंचाने के लिए विटामिन-ई बेहद जरूरी है।

विटामिन-ई एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करता है और फ्री रेडिकल्स से कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाता है। इसका मुख्य काम शरीर की सारी कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखना है और झिल्ली को मजबूत रखना है। विटामिन-ई सौंदर्य को बनाए रखने में मदद करता है, हृदय के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की रक्षा करता है।

अगर शरीर में विटामिन-ई की कमी होती है तो शरीर कई तरह के संकेत देता है, लेकिन उसकी कमी का असर धीरे-धीरे देखने को मिलता है और ज्यादा बढ़ने पर घातक हो सकता है। विटामिन ई की कमी होने पर त्वचा पर रूखेपन, समय से पहले चेहरे पर झुर्रियां, मांसपेशियों का कमजोर होना, आंखों की रोशनी कम होना, नसों में कमजोरी और झनझनाहट महसूस होना, बार-बार एलर्जी होना, बालों के तेजी से झड़ने, थकान और ऊर्जा की कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

अगर बहुत ज्यादा कमी है, तो ये तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और सीधे मन और मस्तिष्क पर असर पड़ता है।

अब ये जानना जरूरी है कि रोजाना कितनी विटामिन-ई की आवश्यकता होती है। वयस्क महिलाओं और पुरुषों को प्रतिदिन 10-15 एमजी विटामिन ई की आवश्यकता होती है। विटामिन ई भोजन में आसानी से मिल जाता है और प्राकृतिक रूप से लिया गया विटामिन ई शरीर को ज्यादा ऊर्जा देता है।

विटामिन-ई बादाम, पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां, अंकुरित अनाज, सरसों और तिल का तेल, सूरजमुखी के बीज, मूंगफली और मूंगफली का तेल और एवोकाडो जैसे फलों में मिल जाता है।

विटामिन-ई विटामिन-ई का सेवन हमेशा वसा युक्त चीजों के साथ करें जैसे घी या जिनमें प्राकृतिक रूप से तेल मौजूद हो। वसा के साथ विटामिन ई शरीर में तेजी से घुलता है और शरीर में अवशोषित होता है। इसके अलावा हरी सब्जियों को भी ज्यादा न पकाएं, क्योंकि पकाने से सब्जियों में मौजूद विटामिन कम हो जाते हैं।

--आईएएनएस

पीएस/वीसी