श्रीनगर, 24 जुलाई (आईएएनएस)। इस साल अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई को शुरू हुई थी और अब तक 3.42 लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं, जबकि 3,500 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था गुरुवार को जम्मू से दो आधार शिविरों की ओर रवाना हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले 21 दिनों में 3.42 लाख से ज्यादा यात्री अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं और तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ लगातार जारी है।
"इस साल यात्रा करने वाले 3.50 लाख यात्रियों का आधिकारिक अनुमानित आंकड़ा गुरुवार को ही पार होने की संभावना है, जबकि यात्रा समापन में अभी 17 दिन शेष हैं।"
"यात्रा शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चल रही है। पिछले 21 दिनों में 3.42 लाख से ज्यादा लोगों ने दर्शन किए हैं, और गुरुवार को 3,500 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ।"
अधिकारियों ने बताया, "इनमें से 45 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 832 यात्रियों को लेकर सुबह 3:25 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ, जबकि 95 वाहनों का दूसरा काफिला 2,668 यात्रियों को लेकर पहलगाम आधार शिविर के लिए सुबह 4:01 बजे रवाना हुआ।"
'छड़ी मुबारक' (भगवान शिव का पवित्र निवास) का भूमि पूजन 10 जुलाई को पहलगाम में किया गया था। इसके बाद छड़ी मुबारक को दशनामी अखाड़ा भवन में उसके स्थान पर वापस ले जाया गया।
यह 4 अगस्त को श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़ा मंदिर से गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र गुफा मंदिर पहुंचेगी, इसे ही यात्रा का आधिकारिक समापन माना जाएगा।
अधिकारियों ने इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा के लिए व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है, क्योंकि यह यात्रा 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने बैसरन घाटी में 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा संख्या बढ़ाने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 180 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।
सेना ने इस वर्ष तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए 8,000 से अधिक विशेष कमांडो तैनात किए हैं।
यह यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी।
यात्री कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक या तो पारंपरिक पहलगाम मार्ग से या छोटे बालटाल मार्ग से पहुंचते हैं।
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुँचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं।
इस यात्रा में तीर्थयात्री को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं।
छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और दर्शन करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है।
सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
--आईएएनएस
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