'क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है': सलमान खुर्शीद की तल्ख टिप्पणी से कांग्रेस में भूचाल तय

 'क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है': सलमान खुर्शीद की तल्ख टिप्पणी से कांग्रेस में भूचाल तय

नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बाद वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद पार्टी के लिए 'सिरदर्द' बनते दिख रहे हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आतंकवाद पर नई नीति की प्रशंसा कर रहे हैं और सर्जिकल स्ट्राइक तथा अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दों पर पार्टी लाइन का 'विरोध' करते नजर आ रहे हैं।

सलमान खुर्शीद ने सोमवार को पाकिस्तान को बेनकाब करने के भारत के वैश्विक अभियान के बीच घरेलू राजनीतिक विभाजन पर चिंता व्यक्त की और पूछा कि देशभक्त होना इतना कठिन क्यों है। यह इशारा कांग्रेस के भीतर उनके आलोचकों की ओर था।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "जब मैं आतंकवाद के खिलाफ भारत का संदेश दुनिया तक पहुंचाने के लिए एक मिशन पर हूं, यह दुखद है कि अपने देश में लोग राजनीतिक निष्ठाओं का हिसाब लगा रहे हैं। क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है?"

हाल ही में इंडोनेशिया में शिक्षाविदों और थिंक टैंकों को संबोधित करते हुए पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का समर्थन किया था। इससे कांग्रेस पार्टी में बेचैनी पैदा हो गई। हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस पर चुप्पी साधे रखी, थरूर के मामले के विपरीत, जहां उसने सार्वजनिक मंच पर उनकी 'मोदी भक्ति' पर सवाल उठाए थे। हालांकि भाजपा ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के लिए खुर्शीद की प्रशंसा का तुरंत स्वागत किया।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले से क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आए और समृद्धि बढ़ी है, जबकि पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा कश्मीर घाटी में अच्छाई को खत्म करने का एक हताश प्रयास किया जा रहा है।

कुछ दिन पहले, सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर को पार्टी की ओर से उस समय कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने सीमा पार भारत की 'पहली' सर्जिकल स्ट्राइक को हरी झंडी दिखाने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को श्रेय दिया था, जिसमें सशस्त्र बलों ने सीमा पार करके पाकिस्तान को सबक सिखाया था। मोदी सरकार के सुरक्षा सिद्धांत को उनके खुले समर्थन के कारण उन्हें पार्टी से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। कई शीर्ष नेताओं ने उनके विचारों पर आपत्ति जताई।

आलोचनाओं का जवाब देते हुए शशि थरूर ने यह भी कहा कि स्वदेश लौटने पर वह पार्टी के भीतर से हो रही आलोचनाओं का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर भारत का रुख पेश करना समय की मांग है और यह आंतरिक बहस का समय नहीं है, बल्कि मिशन की सफलता सुनिश्चित करने का समय है।

उन्होंने प्रेस को बताया, "जब हम भारत लौटेंगे तो निश्चित रूप से अपने आलोचकों को जवाब देंगे और अपने सहयोगियों तथा मीडिया से बात करेंगे।"

उल्लेखनीय है कि जब से केंद्र सरकार ने विश्व मंच पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख सामने रखने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए इस पुरानी पार्टी से अपनी पसंद के नेताओं को चुना है, तब से कांग्रेस पार्टी के भीतर बेचैनी की भावना बढ़ रही है।

'ऑपरेशन सिंदूर' के कुछ दिन बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला था। लेकिन पार्टी के दिग्गज नेताओं द्वारा विदेश यात्रा के दौरान मोदी सरकार के 'ऑपरेशन सिंदूर' और उसके बाद वैश्विक आउटरीच मिशन के समर्थन में आने के बाद कांग्रेस पार्टी इस मामले पर घिरी हुई नजर आ रही है।

--आईएएनएस

एकेएस/एकेजे