गांधीनगर, 24 नवंबर (आईएएनएस)। गुजरात एटीएस द्वारा देश विरोधी तत्वों को हथियारों और जानलेवा सामग्री के साथ गिरफ्तार किए जाने और उसके तुरंत बाद दिल्ली में हुए बम ब्लास्ट की गंभीर घटना ने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इन घटनाओं को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने तुरंत राज्य में विजिलेंस बढ़ाने का एक्शन प्लान तैयार किया और आवश्यक निर्देश जारी किए।
राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से डीजीपी विकास सहाय ने 17 नवंबर को अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में सभी शहरों और जिलों के पुलिस प्रमुखों को स्पष्ट आदेश दिया गया कि वे अगले 100 घंटों के भीतर पिछले 30 वर्षों में देश विरोधी गतिविधियों में गिरफ्तार हुए सभी आरोपियों का इंटेंसिव वेरिफिकेशन कर डोजियर तैयार करें।
डीजीपी के निर्देशों के तहत प्रदेश के सभी पुलिस स्टेशनों ने निर्धारित समय सीमा के भीतर यह महत्वपूर्ण और परिणाम देने वाला कार्य पूरा कर लिया। पूरे गुजरात में पुलिस टीमों ने पिछले तीन दशकों के रिकॉर्ड खंगाले और कुल 31,834 आरोपियों का घर-घर जाकर सत्यापन किया।
इस वेरिफिकेशन अभियान में उन आरोपियों को प्रमुखता से शामिल किया गया था, जिन पर अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए), टाडा, एनडीपीएस एक्ट, आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव्स एक्ट और फेक इंडियन करेंसी जैसे गंभीर और देश-विरोधी अपराधों के तहत मामले दर्ज थे। पुलिस ने इन सभी आरोपियों से उनकी मौजूदा गतिविधियों, व्यवसाय और सामाजिक स्थिति के बारे में विस्तृत पूछताछ की।
डीजीपी विकास सहाय ने बताया कि जांच के दौरान 31,834 में से 11,880 आरोपी यानी लगभग 37 प्रतिशत राज्य में मौजूद मिले, जिनके डोजियर तैयार कर लिए गए हैं। वहीं, 2,326 आरोपी अब जीवित नहीं हैं। 3,744 आरोपियों ने अपने पते बदल लिए, जिनके नए पते पर जाकर भी सत्यापन किया जाएगा। इसके अलावा, 4,506 आरोपी गुजरात राज्य के बाहर रह रहे हैं।
गुजरात पुलिस ने यह पूरा वेरिफिकेशन अभियान, जिसे पहला फेज माना जा रहा है, सफलता के साथ पूरा कर लिया है। डीजीपी सहाय के अनुसार, अब दूसरे फेज में राज्य के बाहर निवास कर रहे आरोपियों की जांच के लिए एक स्पेशल एसओपी तैयार की जाएगी और उनके डोजियर भी अपडेट किए जाएंगे। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि देश-विरोधी तत्वों पर स्थायी और सख्त निगरानी रखी जा सके।
--आईएएनएस
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