बांग्लादेश में आम चुनाव से पहले लगातार बढ़ रहे आपराधिक मामले, पुलिस ने झाड़ा पल्ला

बांग्लादेश में आम चुनाव से पहले आए दिन बढ़ रहे आपराधिक मामले, पुलिस ने ऐसे झाड़ा अपना पल्ला

नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में फरवरी, 2026 में आम चुनाव होने जा रहा है। हालांकि, चुनाव से पहले वहां हालात अच्छे नहीं मालूम हो रहे। शेख हसीना की सरकार की सत्ता से 'हिंसक विदाई' के बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ।

इसके बाद से बांग्लादेश में हालात काफी खराब हैं। आए दिन वहां पर हिंसा की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। हालांकि, पुलिस यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है कि पहले अपराध के मामले दर्ज नहीं होते थे, लेकिन अब होते हैं।

बांग्लादेशी मीडिया ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले पूरे देश में आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि लॉ एंड ऑर्डर में जो गिरावट दिख रही है, वह असली हालात को नहीं दिखाती है।

पुलिस हेडक्वार्टर के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उनकी फोर्स चुनाव के दौरान पूरे देश में सुरक्षा बहाल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने आगाह किया कि पिछले और अभी के आपराधिक आंकड़ों की तुलना गुमराह करने वाली हो सकती है। उन्होंने कहा, “पहले, कई अपराध की घटनाएं स्थानीय पुलिस स्टेशनों में रिकॉर्ड नहीं होती थीं। अब, लगभग हर घटना को डॉक्यूमेंट किया जा रहा है। इसलिए जब आप दोनों समय की तुलना करते हैं, तो ऐसा लग सकता है कि अपराध बढ़ गया है। लेकिन असल में, कई इलाकों में लॉ एंड ऑर्डर पहले से बेहतर है।”

अधिकारी ने समय पर केस रजिस्टर करने में सोशल मीडिया की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “पहले, मामले अक्सर ठीक से और समय पर रिकॉर्ड नहीं होते थे। अब, जब कोई घटना होती है, तो सोशल मीडिया तुरंत एक्टिव हो जाता है, जिससे पुलिस को केस तुरंत और सही तरीके से रजिस्टर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।”

बता दें, हाल ही में बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के बेटे ने दावा किया था कि मुख्य सलाहकार यूनुस के आदेश पर बांग्लादेश की जेल में बंद अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं की गैर-कानूनी तरीके से हत्या की जा रही है।

बीते कुछ दिनों में राजनीतिक दलों में भी आपसी तनाव देखने को मिल रहा है। नेता से लेकर शिक्षक और छात्र यूनुस सरकार से अपनी मांग को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आए।

--आईएएनएस

केके/एबीएम