अहमदाबाद, 28 अगस्त (आईएएनएस)। विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 'मदर मिल्क बैंक' सेंटर का उद्घाटन किया गया है। यह सेंटर विशेष रूप से उन नवजात शिशुओं को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है, जिन्हें जन्म के समय मां के दूध की जरूरत होती है, लेकिन किसी कारणवश उन्हें यह नहीं मिल पाता।
इस सुविधा की स्थापना पर 70 से 80 लाख रुपए की लागत आई है। इसका उद्देश्य नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करना और शिशु पोषण स्तर में सुधार लाना है।
मदर मिल्क बैंक केंद्र की स्थापना में डॉ. पांड्या फाउंडेशन और पूर्व छात्र संघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बीजे मेडिकल के डॉक्टरों के सहयोग से इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। गुजरात में इससे पहले वडोदरा, सूरत, वलसाड और गांधीनगर में मदर मिल्क बैंक सेवाएं पहले से उपलब्ध हैं। अब अहमदाबाद में यह सुविधा शुरू की गई है।
स्वास्थ्य विभाग की योजना है कि भविष्य में ऐसे मदर मिल्क बैंक भावनगर, जामनगर और राजकोट जैसे शहरों में भी स्थापित किए जाएं, जिससे पूरे राज्य में शिशुओं के स्वास्थ्य और पोषण के स्तर को बेहतर किया जा सके।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा, "विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर डॉक्टर पांड्या ने एलिमिनी एसोसिएशन के साथ मिलकर यहां 80 लाख रुपए की लागत से एक दूध बैंक का आयोजन किया है। यह एक सराहनीय पहल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन बच्चों को मां का दूध नहीं मिल पाता, उन्हें कृत्रिम दूध पर निर्भर रहने के बजाय प्रतिरक्षा और आवश्यक पूरकों से भरपूर मां का दूध मिले।"
उन्होंने बताया कि गुजरात में 4 शहरों में 'मदर मिल्क बैंक' केंद्र स्थापित हैं। 4 और जगहों पर इस तरह की व्यवस्था की जाएगी। अहमदाबाद के 1200 बेड वाले सिविल अस्पताल में भी यह सुविधा शुरू हो चुकी है।
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