नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)। भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट इतिहास 93 साल पुराना है। साल 1932 में पहली बार दोनों देशों के बीच टेस्ट मैच में भिड़ंत हुई थी। तब से आज तक दोनों देश आपस में 137 टेस्ट खेल चुके हैं।
क्या आप उस मुकाबले के बारे में जानते हैं, जिसकी एक ही पारी में भारतीय गेंदबाजों ने 63 'अतिरिक्त रन' लुटा दिए थे?
जी हां, इसे पढ़कर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह बात सच है।
यह मुकाबला बर्मिंघम में 10-13 अगस्त 2011 के बीच खेला गया था। मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम 62.2 ओवरों में 224 रन पर सिमट गई थी। इस पारी में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 96 गेंदों में 77 रन जड़े थे।
विपक्षी टीम की ओर से स्टुअर्ट ब्रॉड और टिम ब्रेसनन को चार-चार सफलता हाथ लगी, जबकि शेष दो विकेट जेम्स एंडरसन ने चटकाए।
इसके जवाब में इंग्लैंड ने पहली पारी 710/7 के स्कोर पर घोषित की। टीम को यहां तक पहुंचाने में एलेस्टेयर कुक और इयोन मोर्गन का अहम योगदान रहा।
एलेस्टेयर कुक ने 545 गेंदों का सामना किया, जिसमें 33 चौकों की मदद से 294 रन जड़े। वहीं, इयोन मोर्गन ने 199 गेंदों में 104 रन जड़े।
इंग्लैंड की इस पारी के दौरान भारतीय गेंदबाजों ने कुल 63 अतिरिक्त रन लुटा दिए। यह भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट इतिहास में एक पारी के दौरान सर्वाधिक अतिरिक्त रन लुटाने का रिकॉर्ड भी है। इंग्लैंड की इस पारी में 11 बाई, 34 लेग बाई, 15 नो-बॉल और तीन वाइड बॉल थीं। इस पारी के दौरान अमित मिश्रा ने नौ, जबकि श्रीसंत ने चार नो-बॉल फेंकी।
भारत दूसरी पारी में महज 55.3 ओवरों का सामना कर सका। टीम 244 रन पर सिमट गई। एक बार फिर धोनी ने कप्तानी पारी खेलते हुए नाबाद 74 रन जड़े, लेकिन टीम को हार से बचा नहीं सके। इसी के साथ इंग्लैंड ने मैच पारी और 242 रन से अपने नाम कर लिया।
--आईएएनएस
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