तनाव और वात दोष के बीच गहरा संबंध, जानें क्या कहता है आयुर्वेद
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। आज की जीवनशैली में तनाव एक आम समस्या बन गई है, जो न केवल हमारे मेंटल हेल्थ को प्रभावित करती है, बल्कि शारीरिक रूप से भी कई प्रकार की समस्याओं को जन्म देती है। भागदौड़ भरी दिनचर्या, प्रतिस्पर्धा, समय की कमी और भावनात्मक बोझ के कारण व्यक्ति अक्सर भीतर ही भीतर टूटता चला जाता है। आधुनिक चिकित्सा जहां तनाव को न्यूरोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल दृष्टिकोण से देखती है, वहीं आयुर्वेद इसे शरीर और मन के बीच संतुलन के बिगड़ने के रूप में समझता है।