सर रतनजी टाटा: जिनकी उदारता से गोखले और महात्मा गांधी का आंदोलन हुआ था मजबूत
नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। आज हम अपनी जिंदगी के किसी भी हिस्से को उठाकर देखते हैं तो टाटा कंपनी के किसी न किसी ब्रांड से हमारा वास्ता पड़ ही जाता है। चाहे आप सड़क से जा रहे हों, हवाई यात्रा कर रहे हों, किसी होटल में ठहर रहे हों, या सिर्फ अपने घर पर भी हों...'टाटा' आपकी जिंदगी का अहम हिस्सा है। टाटा समूह के एक ऐसे ही अहम सदस्य थे सर रतनजी जमशेदजी टाटा, जिनके लिए बिजनेस सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का साधन भी था।