लखनऊ, 15 जुलाई (आईएएनएस)। भाजपा के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कांवड़ यात्रा में खानपान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड व्यवस्था का स्वागत किया है। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में इस कदम को कांवड़ यात्रा की सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए महत्वपूर्ण बताया।
बृजलाल ने कहा कि मेरे नौ साल के अनुभव (एडीजी, डीजीपी, एसएसपी मेरठ के रूप में) के दौरान कांवड़ यात्रा में भोजन और पानी की शुद्धता सुनिश्चित करना अहम था। हम यह सुनिश्चित करते थे कि भोजन या पानी दूषित नहीं हो। सभी समुदाय मिलकर गांव-गांव में व्यवस्था देखते थे। क्यूआर कोड से दुकानदारों की जानकारी मिलेगी, जिससे खाने में गड़बड़ी होने पर जिम्मेदारी तय हो सकेगी।
उन्होंने कांवड़ यात्रा को अत्यंत संवेदनशील बताते हुए कहा कि इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं। छोटी सी घटना भी चिंगारी का काम कर सकती है। इसी कारण सद्भाव बनाए रखना जरूरी है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने 2007 का जिक्र किया, जब कांवड़ यात्रा के दौरान हाई-टेंशन तारों को काटकर हजारों लोगों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकारियों के बीच समन्वय और मेडिकल कैंप, एंटी-स्नेक वेनम जैसी व्यवस्थाएं खतरों को रोकने में मदद करती हैं।
बिहार में जारी वोटर लिस्ट विवाद पर बृजलाल ने विपक्ष पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया और कहा, "राजद, मुकेश सहनी और ममता बनर्जी जैसे नेता तुष्टिकरण की हद तक जाते हैं। इन्होंने बांग्लादेशी, रोहिंग्या और नेपाली घुसपैठियों के फर्जी वोटर कार्ड बनवाए और वोट बैंक की राजनीति की। अब ये फर्जी वोट कटेंगे।"
उन्होंने विपक्षी नेता मुकेश सहनी के बयान को भड़काऊ करार दिया और कहा, "ऐसे बयान जिम्मेदार नेता को शोभा नहीं देते। कानून के तहत कार्रवाई होगी। हमारी लोकतंत्र को घुसपैठिए प्रभावित नहीं करेंगे।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार को "क्राइम कैपिटल" कहने पर बृजलाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि राहुल गांधी राजद के साथ गठबंधन में हैं। उन्हें सिवान जाकर चंदा बाबू के परिवार से मिलना चाहिए, जिनके तीन बेटों को आरजेडी शासन में एसिड डालकर मार डाला गया था।
उन्होंने लालू यादव के शासन को 'जंगलराज' बताते हुए कहा कि तब अपहरण और अपराध आम थे। लालू के संरक्षण में शहाबुद्दीन जैसे अपराधी खुलेआम आईपीएस अधिकारियों को धमकी देते थे। बिहार उस जंगल राज को कभी नहीं भूलेगा।
--आईएएनएस
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