बीमारी में भी मां करा सकती है सुरक्षित स्तनपान, पहले जरूर लें डॉक्टर की सलाह

बीमारी में भी मां करा सकती है सुरक्षित स्तनपान, लेकिन पहले जरूर लें डॉक्टर की सलाह

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। मां के दूध में न केवल बच्चे के लिए सभी पोषक तत्व होते हैं, बल्कि यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। स्तनपान केवल शारीरिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए भी बेहद जरूरी माना जाता है।

इसके साथ ही मां और बच्चे के बीच संबंध भी मजबूत होता है। हालांकि, कई बार मां के बीमार होने पर स्तनपान को लेकर संदेह और डर पैदा हो जाता है कि क्या ऐसी स्थिति में भी मां बच्चे को दूध पिला सकती है या नहीं?

नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने कहा, ''अगर मां किसी बीमारी से पीड़ित है, लेकिन सहज महसूस कर रही है, तो वह बच्चे को स्तनपान करा सकती है। सामान्य सर्दी-जुकाम, वायरल संक्रमण, डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और बुखार जैसी स्थितियों में भी मां बच्चे को दूध पिला सकती है। मां के शरीर में बनने वाले एंटीबॉडीज बच्चे को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं, इसलिए इन बीमारियों के दौरान भी स्तनपान बच्चे के लिए फायदेमंद है।''

उन्होंने कहा, ''हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियां ऐसी होती हैं, जहां स्तनपान से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है। उदाहरण के तौर पर, अगर मां को ट्यूबरक्लोसिस है और उसका इलाज चल रहा है, तो बच्चे को स्तनपान कराने से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। इसी तरह, एचआईवी पॉजिटिव महिलाएं भी बिना डॉक्टर की निगरानी के स्तनपान न कराएं, क्योंकि इस स्थिति में संक्रमण बच्चे तक पहुंच सकता है।''

डॉ. पाठक का कहना है कि सामान्य पेनकिलर दवाएं, जैसे पेरासिटामोल और बुखार की दवाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं। इन दवाओं का मां के दूध की गुणवत्ता और पोषक तत्वों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। कुछ विशेष एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी होता है, क्योंकि कुछ दवाएं बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

इसके अलावा, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एंटीकैंसर दवाएं बिल्कुल भी नहीं लेनी चाहिए। ये दवाएं मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। हार्मोनल दवाइयों के सेवन के दौरान भी स्तनपान से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इन दवाओं के कारण बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

डॉ. मीरा पाठक ने कहा कि मां की स्थिति, बीमारी की गंभीरता और दवाओं के प्रकार के आधार पर ही स्तनपान को लेकर निर्णय लिया जाना चाहिए।

--आईएएनएस

पीके/एबीएम