पटना, 6 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान चलाया गया। इसके बाद चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की। इस बीच चुनाव आयोग ने कहा कि भारत के संविधान और कानून के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग बिहार की मतदाता सूची में संशोधन कर रहा है। नागरिकों को पूरी जानकारी देने के लिए नियमित प्रेस नोट (पीएन) और विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं।
ईसीआई के अनुसार, नागरिकों को यह भी पता है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 21(2)(ए) और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के नियम 25 के अनुसार, प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन अनिवार्य है। लंबी कतारों से बचने के लिए बिहार प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करने वाला पहला राज्य बन गया। इसके साथ ही मतदान केंद्रों की संख्या 77,895 से बढ़ाकर 90,712 कर दी गई। इसी प्रकार बीएलओ की संख्या भी 77,895 से बढ़ाकर 90,712 कर दी गई।
उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाताओं की सहायता के लिए वॉलंटियर्स की संख्या भी 1 लाख से बढ़ाकर लगभग 4 लाख की जा रही है। राज्य के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने भी अपने बीएलए की संख्या 1,38,680 से बढ़ाकर 1,60,813 कर दी है। जिन मतदाताओं की मृत्यु हो गई है, जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं, जिनके दो वोट हैं और जिनसे बीएलओ के कम से कम तीन दौरों के बाद भी संपर्क नहीं हो सका है, उनकी लिस्ट 20 जुलाई या उससे पहले सभी राजनीतिक दलों और उनके बीएलए के साथ साझा की गई है।
बूथ-वार ड्राफ्ट मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की गई और सभी राजनीतिक दलों और दिए गए विज्ञापन के साथ साझा की गई। ड्राफ्ट सूची ईसीआई पोर्टल पर उपलब्ध है। ईसीआई दैनिक बुलेटिन के माध्यम से नियमित रूप से दावों और आपत्तियों की स्थिति साझा कर रहा है।
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