नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। आज का संडे ईसाइयों के लिए खास है। इसे पाम संडे के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन ईसाई समुदाय के लोग चर्च जाते हैं और वहां विशेष रूप से आयोजित होने वाली प्रार्थना सभा में शिरकत करते हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं कि आखिर यह क्यों मनाया जाता है?
दरअसल, पाम संडे उस घटना की याद में मनाया जाता है, जब यीशु मसीह गधे पर सवार होकर यरुशलम आए थे और लोगों ने उनके स्वागत में रास्तों पर खजूर के पत्ते बिछाए थे।
बाइबिल में वर्णित प्रसंग के मुताबिक, यीशु ने अपने शिष्यों को कहा था कि जाओ तुम मेरे लिए गधे का एक बच्चा लेकर आओ और अगर कोई तुमसे इस संबंध में कोई भी सवाल करे, तो उससे बस इतना ही कहना कि प्रभु को इसकी आवश्यकता है। यीशु के कहे अनुसार उनके शिष्य गधे का बच्चा ले आए और यीशु ने उस पर सवारी की थी। यीशु उसी पर चढ़कर यरूशलम में प्रवेश किया। ईसाइयों में इसे विजय दिवस के रूप में भी रेखांकित किया जाता है।
जब यीशु गधे के बच्चे पर चढ़कर आ रहे थे, तो लोगों ने उनके स्वागत में 'होसन्ना-होसन्ना' गीत भी गाया था। होसन्ना का शाब्दिक अर्थ 'हमें बचाओ' होता है। होसन्ना एक हिब्रू शब्द है।
बाइबिल के मुताबिक, यीशु मसीह अपनी इस घटना से लोगों को यह संदेश देना चाहते थे कि जिसके ऊपर ईश्वर की अनुकंपा रहती है या जिसे अगर ईश्वर अपने काम के लिए चुन ले, वह कभी भी छोटा नहीं होता है, इसलिए यीशु ने गधे का चयन किया और उस पर चढ़कर पधारे। सामान्यतः गधे को जानवरों में सबसे मूर्ख जानवर के रूप में चिन्हित किया जाता है, इसलिए यीशु ने गधे का चयन अपनी सवारी के लिए किया, ताकि वह लोगों के बीच यह संदेश प्रेषित कर सकें कि ईश्वर की दृष्टि में कोई छोटा या बड़ा नहीं, बल्कि समान होता है।
इसी घटना को याद करके ईसाई पाम संडे मनाते हैं। यह ईस्टर से एक हफ्ता पहले मनाया जाता है। लोग इस दिन प्रार्थना करते हैं। इस दिन लोग हाथों में पाम लीफ लेकर चर्च में जाते हैं और चर्च को भी खजूर के पत्तों से सजाते हैं।
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