नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। वॉरेन बफे का बर्कशायर हैथवे के सीईओ के रूप में बुधवार को आखिरी दिन है। 95 साल के दुनिया के सबसे बड़े निवेशक बफे के पूरे जीवन और काम को समझने का सबसे अच्छा तरीका है, उस कंपनी (बर्कशायर हैथवे) के शेयर की कहानी, जिसे उन्होंने 19 डॉलर से बढ़ाकर लगभग 7,55,400 डॉलर तक पहुंचा दिया। पिछले 5 साल में ही इस स्टॉक ने 117 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
जब वॉरेन बफे ने साल 1965 में बर्कशायर हैथवे की कमान (सीईओ पद) संभाली, तब यह एक नुकसान में चल रही कपड़ा कंपनी थी। उस समय इसका शेयर करीब 19 डॉलर का था। शुरुआती कई वर्षों तक शेयर में कोई खास बढ़त नहीं दिखी। बफे ने इस समय कंपनी को सुधारने और पैसों का सही इस्तेमाल करने पर ध्यान दिया।
बड़ा बदलाव 1970 और 1980 के दशक में आया, जब बफे ने कपड़ा कारोबार छोड़कर बीमा क्षेत्र में निवेश किया। उन्होंने नेशनल इंडेम्निटी और बाद में जीइको जैसी कंपनियां खरीदीं। यही फैसला आगे चलकर उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ।
1990 के दशक में बर्कशायर के शेयर की रफ्तार तेज होने लगी। कंपनी ने कोका-कोला, अमेरिकन एक्सप्रेस (एमेक्स) और दूसरी मजबूत कंपनियों में निवेश किया।
असल तेजी 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद आई। जब बाजार गिर रहे थे, तब बर्कशायर ने गोल्डमैन सैक्स और जनरल इलेक्ट्रिक जैसी बड़ी कंपनियों में निवेश किया। इसके बाद कंपनी बीमा, रेलवे, ऊर्जा, निर्माण और शेयर बाजार में फैली एक बड़ी होल्डिंग कंपनी बन गई।
2020 के बाद बर्कशायर का शेयर तेजी से ऊपर गया। टेक दिग्गज एप्पल बर्कशायर की सबसे बड़ी निवेश वाली कंपनी बनी। आज बर्कशायर का क्लास ए शेयर 7.5 लाख डॉलर से ऊपर है, यानी करीब 39 लाख प्रतिशत की बढ़त।
वॉरेन बफे की सफलता का राज यह नहीं था कि उन्होंने सही समय पर बाजार पकड़ा, बल्कि यह था कि उन्होंने लंबे समय तक धैर्य रखा और समय को अपने पक्ष में काम करने दिया। लेकिन दिग्गज निवेशक बफे की कहानी सिर्फ पैसे कमाने तक सीमित नहीं है। उन्होंने दुनिया को अपनी दौलत लौटाने का भी एक अनोखा तरीका दिखाया।
साल 2006 में बफे ने ऐलान किया कि वह अपनी ज्यादातर संपत्ति जिंदा रहते हुए दान करेंगे, न कि मरने के बाद। वह हर साल अपने बर्कशायर के शेयर दान करते रहे, ताकि पैसा पहले बढ़े और फिर समाज के काम आए।
साल 2021 तक वह करीब 44 अरब डॉलर, 2024 तक 57 अरब डॉलर और 2025 के अंत तक 61 अरब डॉलर से ज्यादा दान कर चुके हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े दान में से एक है। साल 2025 में ही उन्होंने करीब 6 अरब डॉलर के शेयर दान किए, जिनमें से ज्यादातर बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दिए गए। बाकी पैसा उनके परिवार द्वारा चलाए जा रहे फाउंडेशनों को मिला।
वॉरेन बफे दुनिया के 10वें सबसे अमीर इंसान हैं। फोर्ब्स के अनुसार, बर्कशायर हैथवे के सीईओ वॉरेन बफे की कुल संपत्ति 148.1 अरब डॉलर है।
ध्यान देने वाली बात है कि बफे ने अपनी कोई एक बड़ी संस्था नहीं बनाई, बल्कि कई फाउंडेशनों के जरिए काम किया। ये संस्थाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी, महिलाओं के अधिकार, भूख, और समुदाय विकास जैसे क्षेत्रों में काम करती हैं।
बफे की वसीयत के अनुसार, उनकी बची हुई संपत्ति का 99.5 प्रतिशत हिस्सा एक ट्रस्ट के जरिए उनके बच्चों द्वारा समाज को दिया जाएगा। उन्होंने साफ कहा है कि वह अपने बच्चों को इतना पैसा देना चाहते हैं कि वे कुछ भी कर सकें, लेकिन इतना नहीं कि वे कुछ न करें।
इतना बड़ा दान देने के बाद भी बफे के पास आज भी बर्कशायर हैथवे के करीब 13.8 प्रतिशत शेयर हैं। उन्होंने कभी अपने शेयर नहीं बेचे। उनके लिए दान देना पूंजीवाद के खिलाफ नहीं, बल्कि उसका सही अंत है।
31 दिसंबर, 2025 को रिटायर होते हुए वॉरेन बफे सिर्फ शानदार रिटर्न नहीं छोड़कर जा रहे हैं, बल्कि यह भी सिखा रहे हैं कि दौलत कैसे बनाई जाए और फिर जिम्मेदारी से समाज को कैसे लौटाई जाए।
--आईएएनएस
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