वंचित और पिछड़े लोगों का सुरक्षा कवच है प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना

वंचित और पिछड़े लोगों का सुरक्षा कवच है प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना

लातेहार, 17 जून (आईएएनएस)। 2014 में देश की सत्ता पर काबिज होने के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने ऐसी कई योजनाएं चलाई हैं, जिसने देश में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की स्थिति में बड़ा सुधार किया है। इन्हीं योजनाओं में एक है, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को की थी। इस योजना का उद्देश्य कम प्रीमियम में अधिक बीमा का लाभ देना है। सिर्फ 436 रुपए वार्षिक प्रीमियम पर किसी भी अप्रत्याशित घटना में 2 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाता है। इस योजना के माध्यम से सरकार गरीबों और वंचितों के सामाजिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

झारखंड के लातेहार जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भी यह योजना लोगों को सुरक्षित भविष्य की उम्मीद दे रही है। लातेहार जिले में अब तक हजारों लोगों ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत पंजीकरण करवाया है। बैंक मित्रों और ग्राम स्तरीय समितियों की मदद से यह योजना गांव-गांव तक पहुंच रही है।

लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड की प्रमिला देवी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया मैंने और मेरे पति ने जीवन ज्योति बीमा करवाया था। इसमें 436 रुपया कटता था। एक साल के बाद मेरे पति का निधन हो गया। मेरे लिए घर चलाना और बच्चों की देखभाल करना काफी मुश्किल हो गया। योजना के तहत मुझे 2 लाख रुपये मिले, जिससे घर चलाना और बच्चों की देखभाल करना थोड़ा आसान हो गया। इस योजना के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं।

बालूमाथ सखी मंडल सदस्य सोनी देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना लातेहार जैसे पिछड़े जिलों में भी आम नागरिकों के जीवन में न सिर्फ सुरक्षा का भाव भर रही है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी दे रही है कि सरकार उनके साथ है।

लातेहार के लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर राजीव कुमार मंदिलवारा ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना से 1,19,488 व्यक्ति जुड़े हैं। खास बात यह है कि 18 से 50 साल के लोगों का बीमा कवर किया जाता है। बीमा की सालाना अवधि 1 जून से 31 मई तक है। प्रीमियर 436 रुपया है। योजना से जुड़े किसी व्यक्ति की मृत्यु अगर 18 से 50 साल के बीच हो जाती है, तो उसके परिवार को आर्थिक मदद दी जाती है।

--आईएएनएस

पीएके/जीकेटी