वैशाली, 10 जुलाई (आईएएनएस)। ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत बिहार के वैशाली जिले के महनार प्रखंड के महिंदवारा पंचायत की वार्ड संख्या 13 में पक्की सड़क का निर्माण स्थानीय लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। वर्षों से कच्ची सड़क की समस्या झेल रहे लोगों को अब बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी दिनचर्या और आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। स्थानीय लोगों की खुशी और पीएम मोदी के प्रति उनका आभार इस योजना की सफलता को दर्शाता है।
स्थानीय निवासी आनंद पासवान ने गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यहां पर कच्ची सड़क होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। बरसात के दिनों में यहां पर जलभराव हो जाता था, जिससे इस मार्ग पर पैदल चलना भी काफी मुश्किल था। ग्रामीण काफी समय से पक्की सड़क की मांग कर रहे थे। हम बहुत खुश हैं कि ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत यहां पर पक्की सड़क बनाई गई है। अब ग्रामीण हर मौसम में इस मार्ग का इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने पीएम मोदी का विशेषतौर पर आभार जताया है।
सविता कुमारी ने बताया कि बरसात में कच्ची सड़क पर कीचड़ के कारण पैदल चलना मुश्किल था। लंबे समय से पक्की सड़क की मांग थी, जो अब पूरी हो गई है। इसके लिए वह और अन्य लोग बहुत खुश हैं और पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हैं।
इलाके के अन्य लोगों ने भी खुशी जाहिर करते हुए पीएम मोदी का आभार जताया है। ग्रामीणों का मानना है कि पक्की सड़क के निर्माण से स्कूली बच्चों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही व्यापार की दृष्टि से भी यह सड़क काफी कारगर साबित होगी।
‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ का मकसद ग्रामीण बस्तियों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ना है। पक्की सड़क का निर्माण होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी लाभ होता है। बेहतर कनेक्टिविटी के साथ परिवहन और आर्थिक विकास के अनगिनत अवसर प्राप्त होते हैं। बेहतर सड़कों से ग्रामीण क्षेत्रों में वस्तुओं और सेवाओं का परिवहन आसान हो जाता है, जिससे व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। इससे अच्छी कनेक्टिविटी से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सेवाओं तक पहुंच में सुधार होता है।
बिहार में कई जिलों में ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत पक्की सड़कों का निर्माण किया जा रहा है जहां पर अब तक कच्ची सड़क होने की वजह से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
--आईएएनएस
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