उज्जैन, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कार्तिक मास के पावन अवसर पर शनिवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रात 4 बजे भस्म आरती में भक्तों को भगवान महाकाल के दिव्य दर्शन प्राप्त हुए।
मंदिर के कपाट खुलते ही पुजारियों ने गर्भगृह में विराजमान भगवान महाकाल का पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस) से अभिषेक कर पूजन-अर्चन किया। इसके बाद बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई।
शनिवार के विशेष अवसर पर बाबा महाकाल को भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट्स और सुगंधित पुष्पों से अलंकृत किया गया। उनके मस्तक पर त्रिनेत्र स्वरूप बेलपत्र धारण कराया गया, जिसने उनके स्वरूप को और अलौकिक बना दिया। श्रृंगार के बाद हर किसी की नजर बाबा पर ही बनी रही।
रजत शेषनाग मुकुट और रुद्राक्ष की मालाओं से सज्जित महाकाल का रूप देखते ही बनता था। पूरी आरती के दौरान मंदिर परिसर में 'जय महाकाल' के जयघोष गूंज उठे और वातावरण भक्तिमय हो गया। भस्म आरती में शामिल होने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते है।
भक्तों ने बताया कि बाबा के निराकार से साकार होते हुए स्वरूप का साक्षात दर्शन करना जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। आरती के पश्चात पुजारियों की ओर से भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया और मंदिर परिसर में भक्ति संगीत की ध्वनियां गूंजती रहीं। आरती में हजारों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन के लिए रात 1 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन में लगे हुए थे।
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन के अनुसार, कार्तिक मास में प्रतिदिन विशेष अनुष्ठान और श्रृंगार किए जा रहे हैं। आज का श्रृंगार सबसे मनमोहक माना गया, जिसमें बाबा के त्रिनेत्र स्वरूप ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उन्होंने बताया कि रोजाना बाबा को नए स्वरूप में तैयार किया जाता है। हर स्वरूप का अपना महत्व होता है। श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही देखने को मिलती है। एक-एक करके श्रद्धालुएं बाबा का दर्शन करते है, किसी को कोई परेशान न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाता है। सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंधन किए गए है। जगह-जगह सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया जाता है, जिससे किसी कोई परेशानी न हो और हर श्रद्धालु दर्शन पूजन कर सके।
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