नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। हरतालिका तीज के पावन अवसर पर आस्था की नगरी प्रयागराज के गंगा तट पर महिलाओं ने डुबकी लगाई। ब्रह्म मुहूर्त से ही हजारों महिलाएं संगम तट पर पहुंचीं और गंगा स्नान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की।
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु, सुखमय वैवाहिक जीवन और परिवार की मंगल कामना करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है, और संगम तट पर गंगा स्नान को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
स्थानीय निवासी विनिता पांडे ने बताया, "हरतालिका तीज का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन गंगा स्नान करने से पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना पूरी होती है।"
वहीं, अर्चना श्रीवास्तव ने कहा, "आज मैंने भोले बाबा और गंगा मईया से अपने पति, परिवार और अखंड सुहाग की प्रार्थना की। इस दिन का विशेष महत्व है, और गंगा स्नान से मन को शांति मिलती है।"
तीर्थ पुरोहित गोपाल गुरु ने गंगा स्नान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "हरतालिका तीज पर गंगा स्नान करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासकर महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। पुरुषों को चाहिए कि वे इस दिन महिलाओं का विशेष सम्मान करें।" उन्होंने आगे कहा कि गंगा स्नान से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि भी आती है।
हरतालिका तीज का यह पर्व भक्ति और आस्था का अनूठा संगम है। प्रयागराज के संगम तट पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी, जहां महिलाओं ने गंगा मैया से अपने परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की। यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता को भी दर्शाता है, जहां श्रद्धालु एकजुट होकर अपनी आस्था का प्रदर्शन करते हैं।
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