नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले की कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह संविधान पर भी हमला है।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर सर्वोच्च न्यायालय में हुए हमले की निंदा करने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं। यह न सिर्फ उन पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है।
उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश गवई बहुत दयालु रहे हैं, लेकिन पूरे देश को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ उनके साथ एकजुटता से खड़ा होना चाहिए।
वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अंदर मुख्य न्यायाधीश थिरु. बीआर गवई के खिलाफ शर्मनाक कृत्य हमारे लोकतंत्र के सर्वोच्च न्यायिक पद पर हमला है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने जिस तरह से शालीनता, शांति और उदारता से प्रतिक्रिया दी, वह संस्था की मजबूती को दर्शाता है, लेकिन इससे हमें इस घटना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमलावर द्वारा अपने कृत्य का जो कारण बताया गया है, उससे पता चलता है कि हमारे समाज में दमनकारी और पदानुक्रमिक मानसिकता अभी भी कितनी गहराई तक व्याप्त है। हमें एक ऐसी संस्कृति का पोषण करना चाहिए जो हमारी संस्थाओं का सम्मान और सुरक्षा करे और हमारे आचरण में परिपक्वता प्रदर्शित करे।
सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश किशोर ने एक मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई बीआर गवई की कोर्ट में हंगामा किया। आरोप है कि वकील ने सीजेआई के साथ दुर्व्यवहार किया। उसने कोर्ट में नारे भी लगाए, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया।
दरअसल जब सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच वकीलों के एक मामले की सुनवाई के लिए मेंशन सुन रही थी तभी वकील भड़क उठा। बताया जा रहा है कि वकील ने 'सनातन का अपमान नहीं सहेंगे' का नारा भी लगाया। हालांकि, इस दौरान सीजेआई गवई शांत रहे और सुनवाई जारी रखी।
हंगामे के बाद सीजेआई ने कोर्ट में मौजूद वकीलों से कहा, "हम इस तरह की हरकतों से प्रभावित नहीं होते और सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट के काम में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।"
--आईएएनएस
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