बेंगलुरु, 29 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और शिकारीपुरा के विधायक बीवाई. विजयेंद्र ने कर्नाटक सरकार द्वारा मुसलमानों के लिए आरक्षण की घोषणा के साथ ही कमल हासन द्वारा कन्नड़ भाषा को लेकर दिए गए विवादित बयान पर अपनी राय रखी। उन्होंने मीडिया के सामने इन सारी बातों का खुलकर जवाब दिया।
विजयेंद्र ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी मुसलमानों के खिलाफ नहीं थी, लेकिन भाजपा असामाजिक तत्वों के खिलाफ है, राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सरकारी नौकरियों में मुसलमानों के लिए आरक्षण देने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को खारिज करके सही काम किया है। आप जानते हैं, भारतीय जनता पार्टी ने सदन के पटल पर इसका कड़ा विरोध किया था, जिसके कारण पार्टी के 18 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। अब राज्यपाल ने राष्ट्रपति को इसकी फाइल भेजकर सही काम किया है।
उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना पूरी तरह से असंवैधानिक है। संविधान कभी भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देता है और कर्नाटक के मुख्यमंत्री केवल एक धर्म के मुख्यमंत्री नहीं हैं। इसलिए ऐसे फैसले लेने से पहले सरकार को दो बार सोचना चाहिए, समुदाय को बांटने के बजाय सभी धर्मों को एक करने का काम करना चाहिए।
वहीं, बीवाई. विजयेंद्र ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार भाजपा नेताओं को परेशान करने और धमकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि 'कलबुर्गी चलो' कैंपेन के तहत भाजपा द्वारा एक रैली आयोजित की गई थी। जहां रैली को संबोधित करते हुए एमएलसी रवि कुमार ने जो भी कहा, उसके लिए वह माफी मांग चुके थे तो फिर कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करना क्या आवश्यक था? क्या वे भाजपा नेताओं को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं?
बता दें कि 24 मई को भारतीय जनता पार्टी के 'कलबुर्गी चलो' कैंपेन के तहत एक रैली आयोजित की गई थी। रैली को संबोधित करते हुए भाजपा एमएलसी एन रवि कुमार ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन कांग्रेस सरकार के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने जिला कलेक्टर पर सवाल उठाए। उनके काम करने के तरीके पर सवाल उठाए। रैली कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे को सिद्धारमैया कैबिनेट से हटाने की मांग को लेकर निकाली गई थी।
कमल हासन द्वारा कन्नड़ भाषा को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि हासन को अपनी तमिल भाषा से बहुत प्यार हो सकता है और यह बिल्कुल ठीक है। लेकिन, अपनी भाषा के प्रति गर्व व्यक्त करते हुए, कन्नड़ भाषा के बारे में उनकी टिप्पणी अस्वीकार्य है। तमिल का इतिहास हजारों सालों से समृद्ध है और कन्नड़ का भी। इसे समझना और इसका सम्मान करना चाहिए।
वहीं, कमल हासन द्वारा अपने इस बयान पर माफी मांगने से इनकार करने की बात पर विजयेंद्र ने कहा कि कमल हासन द्वारा माफी मांगने से इनकार करना उनके अहंकार को दर्शाता है, जो उचित नहीं है। उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। हालांकि, हम स्वीकार करते हैं कि वह एक महान अभिनेता हैं। लेकिन, इससे उन्हें इस तरह से व्यवहार करने की स्वतंत्रता नहीं मिलती। हम इस तरह के आचरण को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
--आईएएनएस
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