नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। सरकारी तेल कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। इसकी वजह डीजल और पेट्रोल की बिक्री पर अच्छा मार्जिन रहना था।
चालू वित्त वर्ष अप्रैल-जून अवधि के दौरान भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने 6,124 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। इस दौरान आकार में करीब दोगुनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने 5,689 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया है। वहीं, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने पहली तिमाही में 4,371 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है।
बीपीसीएल , आईओसीएल और एचपीसीएल ने पहली तिमाही में संयुक्त रूप से 16,184 करोड़ रुपए का मुनाफा कमााया है, जो कि सालाना आधार पर दोगुने से अधिक है।
तीनों सरकारी तेल कंपनियों में बीपीसीएल के अधिक मुनाफा कमाने की वजह अधिक रिफाइनिंग मार्जिन और परिचालन क्षमता का सही उपयोग था। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में बीपीसीएल का रिफाइनिंग मार्जिन प्रत्येक क्रूड ऑयल के बैरल पर 4.88 डॉलर रहा है, जबकि आईओसीएल और एचपीसीएल के लिए यह क्रमश: 2.15 डॉलर प्रति बैरल और 3.08 डॉलर प्रति बैरल था।
इस दौरान बीपीसीएल का रिफाइनरी रन रेट 118 प्रतिशत, जबिक आईओसीएल का 107 प्रतिशत और एचपीसीएल का 109 प्रतिशत था, जो बेहतर परिचालन क्षमता को दिखाता है।
प्रति पंप ईंधन बिक्री में भी बीपीसीएल ने आईओसीएल से अच्छा प्रदर्शन किया है। पहली तिमाही में बीपीसीएल ने 153 किलोलीटर प्रति पंप ईंधन बिक्री की थी, जबकि आईओसीएल ने 130 किलोलीटर प्रति पंप ईंधन बिक्री की थी।
सरकार ने तीनों कंपनियों को लागत से कम दरों पर रसोई गैस बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 30,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने की घोषणा की है, लेकिन भुगतान की प्रक्रिया अभी घोषित नहीं की गई है। सब्सिडी न मिलने की वजह से आईओसी को 3,719 करोड़ रुपए, बीपीसीएल को 2,076 करोड़ रुपए और एचपीसीएल को 2,148 करोड़ रुपए का एलपीजी पर घाटा हुआ है।
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