अयोध्या, 25 नवंबर (आईएएनएस)। अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल इंसारी ने राम मंदिर में फहराए गए भव्य 'धर्म ध्वज' पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मंदिर के कार्यक्रम और प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की सराहना की।
इकबाल अंसारी मंगलवार को अयोध्या के राम मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "यह एक मंदिर का कार्यक्रम था और आज का दिन अयोध्या के लोगों के साथ-साथ पूरे देश के लिए एक शुभ दिन था। प्रधानमंत्री मोदी के हाथ से ध्वजारोहण हुआ, जो बहुत अच्छी बात थी।"
उन्होंने कहा, "मुझे मंदिर में झंडा फहराना अच्छा लगा। मुझे प्रधानमंत्री मोदी का भाषण भी पसंद आया। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में शांति का पैगाम रहा। उनका साफ कहना था कि देश में 'सबका साथ-सबका विकास' होना चाहिए और शांति का माहौल रहना चाहिए।"
इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में यह धार्मिक कार्यक्रम था, लेकिन यह पूरे देश के लिए शुभ रहा है। इससे लोगों को भी संदेश मिल गया है कि अब मंदिर पूरी तरह बन चुका है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अयोध्या के राम मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अयोध्या पहुंचने पर उन्होंने राम मंदिर तक रोड शो किया। वे सप्तमंदिर गए और फिर महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी मंदिर में दर्शन किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 11.45 बजे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अयोध्या शहर भारत की सांस्कृतिक चेतना का एक और शिखर देख रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राम के हर भक्त के दिल में अनोखा संतोष, असीम आभार और अपार दिव्य आनंद है।
उन्होंने कहा कि सदियों पुराने घाव भर रहे हैं, सदियों का दर्द खत्म हो रहा है और सदियों का संकल्प आज पूरा हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि यह उस यज्ञ का समापन है जिसकी अग्नि 500 साल तक जलती रही, एक ऐसा यज्ञ जो आस्था में कभी डगमगाया नहीं, एक पल के लिए भी विश्वास में कभी टूटा नहीं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज भगवान श्री राम के गर्भगृह की अनंत ऊर्जा और श्री राम के परिवार की दिव्य महिमा को इस धर्म ध्वजा के रूप में सबसे दिव्य और भव्य मंदिर में स्थापित किया गया है।
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