राजौरी में सेना की पहल से सपने पूरे कर रहे युवा, मुफ्त कोचिंग की सुविधा बनी मददगार

राजौरी में सेना की पहल से सपने पूरे कर रहे युवा, मुफ्त कोचिंग की सुविधा बनी मददगार

राजौरी, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आर्थिक तंगी के कारण सपने पूरे न कर पाने वाले युवाओं के लिए मुफ्त कोचिंग की सुविधा संजीवनी बन गई है। यहां अधिकतर युवक-युवतियां डॉक्टर बनने के लिए नीट की तैयारी कर रहे हैं। व्हाइट नाइट कोर सेंटर फॉर एक्सीलेंस में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग दी जा रही है।

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती और दूरदराज इलाकों के शैक्षिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल के तहत, भारतीय सेना ने अपनी व्हाइट नाइट कोर के माध्यम से एचपीसीएल और नेशनल इंटीग्रिटी एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर योग्य युवाओं को मुफ्त, उच्च-गुणवत्ता वाली आवासीय कोचिंग प्रदान करने का कार्य शुरू किया है।

वर्षों से वित्तीय कठिनाइयों के कारण राजौरी, पुंछ और अन्य दूरदराज जिलों के कई प्रतिभाशाली छात्रों को डॉक्टर, इंजीनियर या वैज्ञानिक बनने के सपने छोड़ने पड़े हैं। निजी कोचिंग संस्थानों की बढ़ती फीस एक बड़ी बाधा बनी हुई है। इस कमी को दूर करने के लिए भारतीय सेना, एचपीसीएल और नेशनल इंटीग्रिटी एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने केंद्रशासित प्रदेश में कई कोचिंग सेंटर स्थापित किए हैं, ताकि आर्थिक स्थिति योग्यता और महत्वाकांक्षा के रास्ते में बाधा न बने।

ऐसा ही एक केंद्र राजौरी में आर्मी गुडविल पब्लिक स्कूल परिसर में संचालित हो रहा है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों के छात्रों के लिए आशा की किरण बन गया है। यह केंद्र कई बड़ी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करा रहा है।

इस कोचिंग संस्थान में जरूरतमंद छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 12 महीने की पूरी तरह मुफ्त आवासीय कोचिंग दी जाती है। दाखिले पूरी तरह योग्यता आधारित होते हैं। आईएएनएस से बातचीत में कई उम्मीदवारों ने कहा कि उनके परिवार लाखों रुपए की कोचिंग फीस कभी नहीं दे सकते थे। मुफ्त कोचिंग संस्थान ने उनमें आत्मविश्वास भरने का काम किया है।

आलिया फारूक ने बताया कि वे राजौरी जिले से हैं और नीट की कोचिंग के लिए आई हैं। क्लासेज पूरी तरह चल रही हैं। हम यहां पांच महीने से हैं। हमें बहुत सहयोग मिल रहा है। अगर कोई बीमार हो जाता है तो अस्पताल जाने की सुविधा भी दी जाती है। यह संस्था बहुत अच्छी है। हमारे जैसे बच्चों के लिए निशुल्क पढ़ाई बहुत बड़ी मदद है।

दामिनी चौधरी ने कहा कि मैं नीट की तैयारी कर रही हूं। हमें इतना बड़ा अवसर दिया गया है। फ्री कोचिंग मिल रही है, स्टडी मटेरियल दिया जा रहा है। किसी भी डाउट को क्लियर करने का पूरा मौका मिलता है। मेरा सपना डॉक्टर बनना है। आर्थिक रूप से मेरा परिवार सक्षम नहीं है, इसलिए पढ़ाई के लिए परिवार कुछ नहीं कर सकता था। भारतीय सेना को बहुत-बहुत धन्यवाद।

माजिद मारूफ ने कहा कि यहां सारी व्यवस्थाएं दी जा रही हैं। अच्छे शिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था है। खाना-रहना फ्री है।

विशाल कुमार ने बताया कि राजौरी सेंटर पर कई बच्चे नीट की तैयारी कर रहे हैं।

मुस्कान अंजुम ने भी भारतीय सेना का धन्यवाद किया है, जहां से उन्हें मुफ्त में कोचिंग मिल रही है।

--आईएएनएस

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