नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता, पूर्व राज्यसभा सांसद और पार्टी के अधिवक्ता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजनीति प्रसाद के असामयिक निधन से राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन पर राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता, पूर्व राज्यसभा सांसद और अधिवक्ता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजनीति प्रसाद के असामयिक निधन का दुखद समाचार पीड़ादायक है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।"
राजनीति प्रसाद पटना के महेंद्रू स्थित सूढ़ी टोला के रहने वाले थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाजवादी विचारधारा को समर्पित कर दिया। वे 1974 के ऐतिहासिक जेपी आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे थे और आपातकाल विरोधी संघर्ष में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। पेशे से वे एक वकील थे और सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों पर हमेशा मुखर रहे।
राजनीति प्रसाद 2006 से 2012 के बीच राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से राज्यसभा सांसद रहे। संसद में वे अपनी बेबाकी और स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते थे। वर्ष 2008 में वे उस समय राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने राज्यसभा में तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा पेश किए गए लोकपाल विधेयक की प्रतियों को फाड़ दिया था।
खास बात यह थी कि उस समय राजद यूपीए सरकार का सहयोगी दल था, फिर भी राजनीति प्रसाद ने विधेयक का खुलकर विरोध किया और अपनी असहमति दर्ज कराई।
राजनीति प्रसाद प्रसिद्ध समाजवादी चिंतक प्रो. मधु लिमये के अनुयायी थे और समाजवाद के मूल सिद्धांतों पर अडिग रहे। वे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के भी करीबी मित्रों में गिने जाते थे। पार्टी के भीतर उनकी पहचान एक विचारशील, संघर्षशील और सिद्धांतवादी नेता के रूप में थी।
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