बेगूसराय, 1 जून (आईएएनएस)। बिहार के बेगूसराय में कोरोना से परेशान फुटपाथ दुकानदारों के लिए 'प्रधानमंत्री स्वनिधि' योजना वरदान साबित हुई है। जिले के 2,885 लोग इसका लाभ उठा चुके हैं।
साल 2020 में शुरू की गई इस योजना के तहत इन दुकानदारों ने लोन लिए और उसे समय पर चुका दिया। पिछले पांच साल में दुकानदारों की स्थिति में बदलाव हुआ है। बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार गरीबों के लिए काम करने वाली सरकार है।
योजना का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने वाले दुकानदारों ने भी इस जनकल्याणकारी योजना के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए लोहियानगर की रहने वाली खुशबू देवी ने कहा, "कोविड से पहले मेरी चाय की दुकान थी। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से मेरी चाय की दुकान बंद हो गई। पति का भी काम छूट गया था। ऐसे में घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा था। इस दौरान मोदी सरकार की फुटपाथ दुकानदारों को ऋण मुहैया कराने वाली योजना का पता चला। मुझे कम ब्याज दर पर 10 हजार रुपए का लोन मिला। मैं फिर चाय की दुकान चलाने लगी। इससे हुई आमदनी से आगे बढ़ी और नाश्ते की दुकान खोली ली। व्यवसाय आगे बढ़ाकर और पूजा-पाठ सामग्री की दुकान चला रही हूं। अब किसी से कोई कर्ज नहीं लेना पड़ता है, समय पर लोन भी वापस कर रही हूं। हमारे जीवन में आए बदलाव के लिए प्रधानमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद।"
बेगूसराय के सदर अस्पताल गेट के सामने ब्रेड पकोड़े की दुकान चलाने वाले मनीष कुमार का व्यवसाय भी लॉकडाउन के समय बंद हो गया था। दो वक्त के भोजन पर भी आफत हो गई थी। फिर, प्रधानमंत्री की फुटपाथ दुकानदारों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन देने वाली योजना का पता चला। नगर निगम में फॉर्म भरकर लोन के लिए आवेदन किया। उन्होंने कहा, "10 हजार रुपए का लोन मिला, जिससे मैंने अपना व्यवसाय पुनः शुरू किया। समय पर लोन वापस करता गया और मुझे समय-समय पर 'प्रधानमंत्री स्वनिधि' से लोन मिलता गया। मेरा व्यवसाय और विकसित हो गया। पहले बाहर से ऊंचे ब्याज दर पर कर्ज लेना पड़ता था। लेकिन, अब सरकार अपनी सीमा के हिसाब से पैसा लेती है और अपने हिसाब से पैसा देती है। गरीबों के लिए प्रधानमंत्री इतना सोचते हैं, उसके लिए उनका बेहद शुक्रिया।"
बेगूसराय के मेन मार्केट में फुटपाथ पर कपड़ा की दुकान लगाने वाली रंजन कुमारी ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण उनका व्यवसाय बंद हो गया और खाने-पीने की भी आफत होने लगी। सारी जमा पूंजी समाप्त हो गई। फिर, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना के बारे में पता चला। उन्होंने कहा, "मैंने अप्लाई किया और मुझे 10 हजार रुपए का लोन मिला, जिससे मेरा रोजगार फिर से शुरू हुआ। लोन की राशि चुकाई फिर दूसरा लोन मिला, फिर तीसरा लोन मिला और अब मेरा व्यवसाय फिर से अच्छा चलने लगा है। प्रधानमंत्री गरीबों को इतना मदद करते हैं उसके लिए उनका बहुत-बहुत धन्यवाद।"
सजावट की दुकान चलाने वाले पसपुरा गांव निवासी शिवचंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि कोरोना से पहले उनकी दुकानदारी अच्छी चलती थी। लेकिन कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगने से दुकानदारी पूरी तरह ठप हो गई। फिर महाजन से कर्ज लेकर घर परिवार का खर्चा चलाना पड़ता था। इसी दौरान सरकार की तरफ से फुटपाथ दुकानदारों को कम ब्याज दर पर फिर से व्यवसाय करने के लिए 10 हजार रुपए की ऋण योजना का पता चला। उन्होंने कहा, "मैंने पहले 10 हजार रुपए का लोन लिया, उसे चुकाने के बाद फिर 20 हजार रुपए मिले, और अब 50 हजार रुपए मिले हैं, जिससे मैं अपना व्यवसाय अब पहले की तरह अच्छे तरीके से कर रहा हूं। इस योजना के लिए प्रधानमंत्री का बहुत-बहुत आभार।"
नगर निगम क्षेत्र के नगर पालिका चौक के पास सब्जी की दुकान चलाने वाले बिट्टू कुमार ने बताया कि सब्जी बेचकर वह अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते थे। लेकिन कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा तो उनकी सब्जी की दुकान बंद हो गई। जीवन गुजारना काफी मुश्किल हो गया, दो वक्त की रोटी के लिए भी सोचना पड़ता था। फिर लोगों से ऊंचे ब्याज दर पर कर्ज लेकर अपना व्यवसाय शुरू किया और किसी तरह जीवन यापन कर रहे थे। इसी दौरान फुटपाथ दुकानदारों के लिए ब्याज दर पर लोन योजना का पता चला। उन्होंने कहा, "मैंने ऋण के लिए आवेदन किया और मुझे भी 'पीएम स्वनिधि' से लोन मिला और उस रुपए से मैंने भी अपना व्यवसाय और बढ़ाया। प्रधानमंत्री हम गरीब फुटपाथ दुकानदारों के लिए इतना सोचते हैं उसके लिए उनका तहे दिल से शुक्रिया।"
नगर निगम प्रबंधक सुमित कुमार सिन्हा ने बताया कि 'पीएम स्वनिधि' एक महत्वाकांक्षी योजना है जो कोविड के समय शुरू की गई थी। कोरोना के कारण विस्थापित हुए परिवार, गरीब लोग जो मार्केट में ठेला, खोमचा, गुमटी लगाते थे, वैसे लोगों की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ही टूट गई थी। उन लोगों को फिर से सुदृढ़ करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी। कम से कम कागजी प्रक्रिया थी। बस अपना आधार कार्ड और बैंक अकाउंट डिटेल लेकर आइए, अप्लाई कीजिए और लोन लीजिए। कुल 80 हजार रुपए का लोन एक वेंडर को दिया जा रहा था। पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए चुकता कर दिए और फिर 20 हजार रुपए चुका दिए तो फिर 50 हजार रुपए का लोन मिलता है। पूरे बिहार में अब तक ढाई लाख से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिला है। वहीं, बेगूसराय जिले में भी 4,002 लोगों का आवेदन लिया गया और उन्हें लोन दिया गया ताकि वे समाज की मुख्य धारा में स्थापित हो सकें और महाजन के ऊंचे ब्याज से बच सकें। बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र में 95 प्रतिशत वेंडरों ने समय पर अपना लोन वापस किया है जो एक मिसाल है।
बेगूसराय नगर निगम के सिटी मैनेजर राजीव रंजन सिंह ने बताया कि 'प्रधानमंत्री स्वनिधि' जो 'पीएम स्वनिधि' के नाम से जाना जाता है। नगर निगम बेगूसराय में 3,694 लाभार्थियों को यह लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। कुल 4,002 आवेदन प्राप्त हुए और उसके आलोक में कुल 2,885 आवेदनों को बैंकों के माध्यम से स्वीकृति दी गई जिनमें से 2,641 लगभग 91.54 प्रतिशत लाभार्थियों को 10 हजार रुपए का लोन प्रदान किया गया। बेगूसराय में जिन लोगों को भी 10 हजार रुपए का लोन दिया गया, वे सभी पेबैक की स्थिति में हैं। बहुत से लोग अपने लोन वापस कर चुके हैं जबकि बहुत से लोग अभी चुकता कर रहे हैं। जो उनके ऊपर किस्त निर्धारित की गई थी उसका उन्होंने पुनर्भुगतान कर दिया है और वे दूसरे या तीसरे टर्म के लिए लोन लेने को पात्र हो गए हैं।
--आईएएनएस
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