हजारीबाग, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक आस्था के महापर्व छठ के खरना के दिन रविवार को देश को 127वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों को छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और छठ को एकता का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा छठ पर्व का उल्लेख किए जाने पर बिहार, झारखंड और पूर्वी भारत के लोगों में खासा उत्साह देखा गया। हजारीबाग में लोग ‘मन की बात’ कार्यक्रम को परिवार सहित सुन रहे थे और जैसे ही प्रधानमंत्री ने छठ का जिक्र किया, घरों और मोहल्लों में खुशी की लहर दौड़ गई।
हजारीबाग के निवासी मनमीत अकेला ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इस समय लगभग हर घर में छठ की तैयारी चल रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा इस पर्व का उल्लेख किए जाने से इसका महत्व और बढ़ गया है। पहले यह पर्व मुख्य रूप से बिहार और झारखंड तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद देशभर में लोग छठ के महत्व को जानने के लिए उत्सुक होंगे।
वहीं, अनूप चंद्रवंशी ने कहा कि छठ हमेशा से एकता और लोक आस्था का पर्व रहा है। आज जब प्रधानमंत्री ने इसे ‘मन की बात’ कार्यक्रम में शामिल किया तो इससे इस पर्व की ख्याति और बढ़ेगी। उन्होंने पहले भी सोशल मीडिया के माध्यम से देशवासियों को छठ की बधाई दी थी, जिससे लोगों में विशेष उत्साह देखने को मिला।”
विश्वनाथ सोनी ने बताया, "हमारा पूरा परिवार नियमित रूप से प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ सुनता है। आज जब उन्होंने छठ पर्व की चर्चा की तो हमारे परिवार में खुशी का माहौल बन गया। इस समय सभी घरों में छठ की तैयारियां जोरों पर हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री का यह संदेश बहुत प्रेरणादायी है।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के आवाहन का असर पूरे देश में दिखा, लोग अब गर्व से भारतीय उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं। यह न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक गौरव को भी पुनर्स्थापित करता है।”
--आईएएनएस
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