नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित विशेष कृषि कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उनसे बातचीत की।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित थीं, जिन्होंने कृषि से जुड़ी अपनी उपलब्धियां और अनुभव साझा किए। पीएम मोदी ने किसानों से कृषि उत्पादन, नई तकनीकों और फसल विविधता के महत्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने किसानों को खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री ने किसानों को आय बढ़ाने और अपनी कृषि गतिविधियों को अधिक लाभकारी बनाने के कई सुझाव दिए। उन्होंने फसलों की गुणवत्ता सुधारने, उचित बीज और तकनीक के उपयोग से बेहतर पैदावार प्राप्त करने पर जोर दिया।
इसके अलावा, उन्होंने मत्स्य उद्योग और अन्य कृषि-आधारित उद्योगों में भी किसानों को निवेश और नवाचार करने की सलाह दी, ताकि उनकी आय में सुधार हो और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
किसानों ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की सराहना की, जिनसे उन्हें कृषि कार्यों में प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ।
पीएम मोदी ने किसानों को खेती में गुणवत्ता, उत्पादन और नवाचार पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि किसानों को निर्यातोन्मुखी फसलें उगानी चाहिए, जिससे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़े और भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा मिले। उन्होंने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उदाहरण देते हुए कहा कि ये योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता और फसल उत्पादन के बीच संतुलन बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने किसानों से कहा कि सतत खेती और आधुनिक कृषि तकनीकों का पालन करने से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि कृषि व्यवसाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
इसके अलावा, उन्होंने महिलाओं और युवा किसानों को विशेष रूप से प्रेरित किया कि वे कृषि नवाचार और तकनीकी समाधान अपनाकर अपने क्षेत्र में अग्रणी बनें।
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