मध्य प्रदेश: प्रधानमंत्री आवास योजना ने बदली श्योपुर के लोगों की जिंदगी, आशियाने का सपना हुआ साकार

प्रधानमंत्री आवास योजना ने बदली श्योपुर के लोगों की जिंदगी, आशियाने का सपना हुआ साकार

श्योपुर, 18 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) ने देशभर में लाखों लोगों के सपनों को साकार किया है और मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में भी इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

श्योपुर के कई लाभार्थियों ने इस योजना के प्रति अपनी खुशी और आभार व्यक्त किया है, जो उनके जीवन में आए बदलाव की कहानी बयां करता है।

श्योपुर जिले की लाभार्थी कल्ली आदिवासी ने अपनी खुशी साझा करते हुए बताया, "हम बहुत खुश हैं कि हमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना घर मिला। लगभग 10 साल पहले हमें यह आवास प्राप्त हुआ था। पहले हमारे पास अपना कोई पक्का घर नहीं था और हम मुश्किल परिस्थितियों में रहते थे, लेकिन आज हमारे पास अपना घर है और यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस योजना की वजह से संभव हुआ। इस योजना ने हमारी जिंदगी को नई दिशा दी है।"

इसी तरह, एक अन्य लाभार्थी बाबू लाल ने बताया कि उनकी जिंदगी में भी इस योजना ने बड़ा बदलाव लाया है। उन्होंने कहा, "हमें पिछले साल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान मिला। पहले हम कच्चे मकान में रहते थे, जहां बारिश और अन्य मौसमी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब हमारे पास अपना पक्का घर है, जिसमें हम सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी रहे हैं। हम इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का दिल से आभार प्रकट करते हैं।"

बाबू लाल ने आगे कहा कि इस योजना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि जिले के कई अन्य परिवारों को भी स्थायी आवास का सपना साकार किया है। इस योजना ने हम जैसे गरीब परिवारों के लिए एक नई उम्मीद जगाई है, जो पहले अपने घर का सपना पूरा करने में असमर्थ थे।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत श्योपुर में हजारों परिवारों को लाभ मिला है। यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को किफायती और पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी। योजना के तहत लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे अपने सपनों का घर बना सकें।

श्योपुर में इस योजना ने न केवल लोगों को आवास प्रदान किया, बल्कि उनके आत्मसम्मान और जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाया है।

--आईएएनएस

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