नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। प्राचीन भारतीय कलाओं और विज्ञानों पर आधारित आंतरिक सद्भाव और मन की शांति के लिए गहराई से तैयार की गई किताब पाठकों की पसंद के रूप में तेजी से उभर रही है।
ईशान शिवानंद की किताब "द प्रैक्टिस ऑफ इम्मोर्टालिटी: अ मॉन्क गाइड टू डिस्कवरिंग योर अनलिमिटेड पोटेंशियल फॉर हेल्थ, हैपिनेस एंड पॉजिटिविटी" एक संन्यासी के अनुभवों पर आधारित है, जो प्राचीन योग ज्ञान के जरिए व्यक्ति के जीवन को बदलने की व्यावहारिक राह बताती है।
प्रकाशकों के अनुसार, यह किताब न केवल एक दार्शनिक सोच देती है, बल्कि यह जीवन की मुश्किलों से निपटने के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका भी है। इसका मुख्य उद्देश्य पाठकों के समय, तनाव और आंतरिक उलझनों से संबंध को समझाना और उसे बदलना है, जो आज के समय की बड़ी समस्याएं हैं।
यह पुस्तक ईशान शिवानंद की बीस वर्षों की संन्यासी शिक्षा और 21 पीढ़ियों से चली आ रही योग परंपरा पर आधारित है। इसमें उन्होंने "योग ऑफ इम्मॉर्टल्स (वाईओआई)" नामक प्रणाली को समझाया है, जिसमें ध्यान, पारंपरिक भारतीय चिकित्सा और मार्शल आर्ट का समावेश है। यह जीवन को पूरी तरह बदलने वाली विधि हो सकती है।
इस किताब में ध्यान से जुड़ी विधियों के साथ-साथ वास्तविक जीवन की कहानियां भी हैं, जो पाठकों को वर्तमान में जीने और मानसिक-शारीरिक सेहत को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं, जिससे पाठकों को दीर्घकालिक मानसिक और शारीरिक जीवन शक्ति हासिल करने का तरीका मिल सके।
पेंगुइन रैंडम हाउस और हैचेट बुक ग्रुप द्वारा प्रकाशित यह किताब अब 15 देशों में उपलब्ध है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'अमेजन' पर इसे बहुत प्रशंसा मिल रही है।
इस महीने रिलीज होने के एक सप्ताह बाद ही, यह अमेजन इंडिया पर सभी प्रमुख श्रेणियों में नंबर 1 बेस्टसेलर बन गई है - जिसमें स्वास्थ्य, फिटनेस और पोषण, तनाव प्रबंधन के लिए स्व-सहायता, समाज और संस्कृति, साथ ही समग्र पुस्तकों की सूची शामिल है।
यह इस साल प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा प्रीऑर्डर और सबसे ज्यादा समीक्षा की गई किताबों में से एक है। पहले हफ्ते में ही इसे 1,200 से ज्यादा पाठकों ने 5-स्टार रेटिंग दी है।
इसकी बातें और साधन आज के विविध पाठकों के मन से गहराई से जुड़ रहे हैं और इसके प्रति उत्साह बहुत व्यापक है।
समीक्षकों के अनुसार, "द प्रैक्टिस ऑफ इम्मोर्टालिटी" एक परिवर्तनकारी पुस्तक है, विशेष रूप से समग्र स्वास्थ्य, प्राचीन ज्ञान और मानसिक कल्याण के क्षेत्रों में।
--आईएएनएस
एएस/एकेजे