नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। आईआरएस अधिकारी रोहित मेहरा ने बच्चों के लिए एक बेहद अनोखी पहल 'पेड़ों की पाठशाला' शुरू की है। यह एक वीकेंड नेचर क्लासरूम है, जिसमें बच्चे किताबों के पन्नों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि पेड़ों, मिट्टी और प्रकृति के करीब जाकर सीखते हैं। इस पहल को रोहित मेहरा और उनकी पत्नी गीतांजलि मेहरा ने अपनी सोसाइटी के गार्डन से शुरू किया, जो अब दुनिया की पहली इस तरह की 'पेड़ों की पाठशाला' के रूप में पहचान बना रही है।
'पेड़ों की पाठशाला' का विचार बहुत सरल है। हर शनिवार और रविवार को कक्षा 2 से कक्षा 10 के बच्चे लगभग दो घंटे के लिए इकट्ठा होते हैं। इस सत्र में 75 प्रतिशत गतिविधियां प्रैक्टिकल और केवल 25 प्रतिशत थ्योरी होती है। यहां न तो किसी कठिन पाठ्यक्रम की जरूरत होती है और न ही किताबों में उलझन। पेड़, मिट्टी, बीज, धूप और सवाल-जवाब के माध्यम से बच्चों को सीधा अनुभव मिलता है।
भाजपा नेता तरुण चुघ ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "रोहित मेहरा और गीतांजलि मेहरा की हृदय से सराहना। उन्होंने केवल बीज नहीं बोए, बल्कि जिज्ञासा, जागरूकता और पर्यावरण के प्रति जीवनभर का सम्मान भी बच्चों के दिलों में लगाया।"
उन्होंने आगे लिखा, "पौधों को पहचानने से लेकर सीड बॉल बनाने और अपने पौधों की देखभाल करने तक, बच्चे सबसे खूबसूरत और प्रैक्टिकल तरीके से प्रकृति से फिर से जुड़ रहे हैं।"
इस पहल की सबसे खास बात यह है कि यह बच्चों को सिर्फ ज्ञान नहीं देती, बल्कि उन्हें हाथों-हाथ सीखने और अनुभव करने का मौका देती है। यह सीखने का तरीका पारंपरिक शिक्षा से अलग है और बच्चों में प्रकृति के प्रति स्थायी लगाव पैदा करता है।
'पेड़ों की पाठशाला' न सिर्फ बच्चों के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण बन चुकी है। आने वाले समय में इस पहल को और भी ज्यादा बच्चों तक पहुंचाने की योजना है ताकि अधिक से अधिक बच्चे प्रकृति से जुड़ सकें और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बन सकें।
आईआरएस अधिकारी रोहित मेहरा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पेड़ों के बारे में बात करते समय उनका उत्साह वैसा ही है जैसे कोई पहली बार प्रकृति की खोज कर रहा हो। वह विशेषज्ञ के तौर पर नहीं, बल्कि एक सीखने वाले के रूप में बच्चों को अपने साथ सीखने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका उद्देश्य बच्चों को प्रकृति के प्रति जिज्ञासा, जागरूकता और सम्मान देना है।
--आईएएनएस
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