नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा, जल नीति और जनसंपर्क समेत सरकार के तात्कालिक और दीर्घकालिक रणनीतिक एजेंडे की रूपरेखा तय की गई।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यह मंत्रिपरिषद की पहली बैठक थी। पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विस्तृत जानकारी दी गई। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन के बारे में बताते हुए बैठक की शुरुआत की। इसके बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने इसके क्रियान्वयन और रणनीतिक प्रभाव पर एक व्यापक प्रस्तुति दी।
'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया और कई सेक्टरों में पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया।
बैठक में सरकार ने विकास परियोजनाओं से जुड़े अहम मुद्दों की भी समीक्षा की। जल शक्ति मंत्रालय ने देश की जल प्रबंधन रणनीति पर विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें सिंधु जल संधि और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी शामिल थी। सूत्रों के अनुसार, प्रस्तुति में भारत की कूटनीतिक स्थिति और जल बंटवारे और संरक्षण, खासकर सीमा पार की नदियों के संबंध में आंतरिक तैयारियों को शामिल किया गया।
अन्य मंत्रालयों द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें बुनियादी ढांचे और ऊर्जा से लेकर सामाजिक कल्याण तक के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। मंत्रालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी संचार रणनीतियों को सरकार के व्यापक सार्वजनिक जुड़ाव लक्ष्यों के साथ संरेखित करें।
सभी मंत्रियों को पिछले 11 वर्षों में सरकार की उपलब्धियों को सीधे लोगों तक ले जाने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए शासन के तहत विकास कार्यों और सुधारों को प्रदर्शित करने के लिए एकीकृत संदेश और जमीनी स्तर पर पहुंच की आवश्यकता पर जोर दिया।
रणनीतिक और प्रशासनिक रोडमैप तैयार होने के साथ, मंत्रिपरिषद अब उस चरण में प्रवेश कर रहा है, जिसे पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में कार्यान्वयन और सार्वजनिक जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण फेज माना जा रहा है।
--आईएएनएस
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