देहरादून, 4 जून (आईएएनएस)। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को विश्व स्तर पर बेनकाब करने के बाद भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत लौट चुका है। लेकिन, देश में भारत-पाक के सीजफायर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हावी है। हाल ही में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर ‘सरेंडर’ वाला विवादित बयान दिया। अब इस कड़ी में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी जुड़ गए हैं।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक सीजफायर पर सवाल पूछकर विपक्ष अपना धर्म निभा रहा है। हरीश रावत ने बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से विशेष बातचीत की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद की स्थिति, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का इंडिया ब्लॉक में भविष्य सहित प्रदेश के विभिन्न मामलों पर बातचीत की।
सवाल : ऑपरेशन सिंदूर को लेकर क्या विपक्ष का सवाल उठाना सही है?
जवाब : ऑपरेशन सिंदूर के तहत जिस तरह से हमारी सेना ने अपने शौर्य का परिचय दिया है। हम दिल से सेना को सैल्यूट करते हैं। पहलगाम में जो कुछ हुआ, वह दिखाता है कि हमारी सुरक्षा में बड़ी चूक थी। क्योंकि, वहां पर 6 से 7 हजार लोग निरंतर जा रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा के तौर पर वहां पर पुलिसकर्मी क्यों नहीं थे। यह कहीं न कहीं खुफिया विभाग की भी बड़ी विफलता है। आतंकियों का स्केच जारी किया गया। लेकिन, अभी तक आतंकी पकड़े नहीं गए। विपक्ष तो चाहता है कि आतंकी पकड़े जाएं। ऑपरेशन सिंदूर के वक्त सारा देश एक सपना देख रहा था कि पीओके देश का हिस्सा बनेगा। आतंकवाद ध्वस्त होगा। लेकिन, सपना पूरा नहीं हो पाया। भारत-पाक सीजफायर जिस परिस्थिति में हुई, उसे लेकर विपक्ष की जिम्मेदारी है कि सवाल पूछे जाएं। विपक्ष के तौर पर हमारा धर्म है कि हम सवाल पूछें, अगर सवाल नहीं पूछेंगे तो विपक्ष के तौर पर हम कैसा धर्म निभा रहे हैं। जहां तक ऑपरेशन सिंदूर और सेना के पराक्रम की बात है। हम सलाम करते हैं। इसीलिए हम सब जगह जय हिंद कह रहे हैं।
सवाल : हरिद्वार नगर निगम घोटाले पर सरकार ने दो आईएएस और एक पीसीएस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है, इसे आप कैसे देखते हैं ?
जवाब : जहां कार्रवाई हुई है, वहां और भी कुछ घोटाले की चर्चा है और यह घोटाले बिना संरक्षण के संभव नहीं है। इन घोटालों से यह साफ है कि उन लोगों को भी चिन्हित करना चाहिए जो घोटालों में शामिल हैं। इसलिए हमारी स्पष्ट मांग है की सरकार इसकी सीबीआई से जांच करवाए।
सवाल : अंकिता भंडारी मामले में दोषियों को सजा मिली,अंकिता के माता-पिता दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं?
जवाब : देखिए, इस मामले में साफ बात यह है कि अंकिता ने खुद कहा था कि एक वीआईपी हैं, जिसको स्पेशल सर्विस देने के लिए दवाब डाला जा रहा है और उसके बाद उसकी जान चली जाती है। उसका शव मिलता है और जिस जगह रहती थी, उस रिजॉर्ट में बुलडोजर चलवाया जाता है। सीसीटीवी कैमरे तोड़े जाते हैं, आग लगाई जाती है। पुलिस अंकिता का मोबाइल ट्रेस नहीं कर पाती है। जिससे कहीं न कहीं संदेह होता है कि सरकार वीवीआईपी को बचाना चाहती है। जब तक वह वीआईपी कानून के दायरे में नहीं आता है, तब तक यह जांच अधूरी है और हमारा रूख बिल्कुल साफ है कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो मैं कांग्रेस सरकार से आग्रह करूंगा कि एक स्पेशल उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाए और इसकी जांच कराई जाए।
सवाल : सरकार पंचायत चुनाव को टाल रही है, इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब : हां, यह गंभीर मामला है। सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था की हत्या कर दी है। आज पंचायत अनाथ है। अगर कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसका नाम कैसे रजिस्टर होगा। कहीं कोई और घटना हो रही है, इसका संज्ञान कौन लेगा। जो विकास की प्रक्रिया है पंचायत चुनाव के नहीं होने से रुक गई है।
सवाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर 'सरेंडर' शब्द का इस्तेमाल करना क्या सही है?
जवाब : मैं इस तरीके के संबोधनों और इस तरीके की बातों में कभी टिप्पणी नहीं करता हूं।
सवाल : क्या सलमान खुर्शीद और शशि थरूर सरकार के स्टैंड समर्थन में है ?
जवाब : बिल्कुल समर्थन में नहीं है। उन्होंने कुछ बातें कही हैं, ठीक है। वह सर्वदलीय बैठक में शामिल थे। विदेश जब आप जाते हैं तो किसी दल का नहीं बल्कि देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। उनकी कोई निजी राय नहीं है। उनकी राय वही होगी जो पार्टी की राय है। वह दोनों कांग्रेस पार्टी के पुराने सिपाही हैं, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के मेंबर है।
सवाल : जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद खुशहाली आई, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का इस तरह का बयान आया। क्या आप उनकी बात से सहमत हैं?
जवाब : यह भारत सरकार का स्टैंड है। आप इसको सलमान खुर्शीद के बयान के तौर पर मत देखिए, यह भारत सरकार का स्टैंड है या नहीं है, यह पता करिए पहले।
सवाल : आम आदमी पार्टी ने इंडिया गठबंधन से किनारा कर लिया है, इसे कैसे देखते हैं आप?
जवाब : केजरीवाल साहब अपने मन के मालिक हैं। लेकिन विधिवत अभी तक उन्होंने कोई बात कही नहीं है, हम तो उनको अपने गठबंधन का हिस्सा मान रहे हैं।
सवाल : आम आदमी पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी के चलते पीएम मोदी को फायदा मिल रहा है, आप क्या कहेंगे?
जवाब : यह आम आदमी पार्टी का दर्द है। यदि उनको सही कदम उठाने के लिए कहा जाता है तो वह खीज निकाल रहे हैं। सच्चाई यह है कि यह हमारी पार्टी का मामला है, हमारे नेता कौन हों, यह हम तय करेंगे। यदि आम आदमी पार्टी को तय करना है तो अपना मर्जर कर लें ना, फिर उसके बाद राय दें।
सवाल : क्या राहुल गांधी को पुराने कांग्रेसियों को साथ लेकर चलना चाहिए?
जवाब : कांग्रेस उनके साथ है और हम एकजुट हैं। हम सभी राहुल गांधी के साथ हैं, वो हमारे नेता हैं।
--आईएएनएस
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