नीमच, 30 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 वाटरशेड परियोजना से पठारी क्षेत्र के किसानों को लाभ हो रहा है। किसान अब साल में तीन से चार फसल उगा रहे हैं और उन्हें पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
देश के किसानों को समृद्ध बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयासरत हैं। किसानों की समृद्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0' लागू की है। इसके अंतर्गत वाटरशेड परियोजना वर्षा आधारित और क्षरित भूमि की उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है। यह योजना किसानों के लिए पानी की उपलब्धता और आय को बढ़ाने में सहायक है। वर्षा जल को छोटे तालाब और चेक डैम बनाकर संचय कर कृषि सिंचाई और भू जलस्तर को बढ़ाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
मध्यप्रदेश के नीमच जिले के विकासखण्ड मनासा के अंतर्गत ग्राम दांता, कुंडालिया एवं भगोरी में पहाड़ी क्षेत्र की लगभग 27 हेक्टेयर भूमि पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास के घटक प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के अन्तर्गत रिज टू वेली परिकल्पना के आधार पर कंटूर ट्रेंच निर्माण का काम किया गया है। कंटूर ट्रेंच तकनीक का इस्तेमाल जल बहाव को धीमा करने और ढलान वाली भूमि से मिट्टी के कटाव को धीमा करने के साथ बंजर भूमि को फिर से हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से एवं जल के अत्यधिक बहाव को रोकने के लिए किया जाता है।
परियोजना के अन्तर्गत लगभग 27 हेक्टेयर ढलान भूमि, जिसका स्लोप 8 प्रतिशत से अधिक है, का चयन किया गया। इस पर कुल 45.81 लाख रुपए की लागत से कंटूर ट्रेंच का निर्माण किया गया। ढलान वाले क्षेत्रों में मिट्टी जल संरक्षण हेतु उपयोगी होती है। इसलिए स्ट्रेगर्ड कंटूर ट्रेंच समलम्बाकार आकार में खोदी गई खाइयां है जिनकी ऊपरी चौड़ाई 1.0 मीटर और गहराई 1.0 मीटर है। निकाली गई मिट्टी का उपयोग खाई से ठीक नीचे की ओर एक बरम बनाने के लिए किया गया। खाइयों को ढलान के लंबवत (समोच्च रेखा के साथ) खोदा गया, ये क्रमबद्ध हैं और 3 मीटर लंबे हैं, प्रत्येक पंक्ति के बीच 3 मीटर का अंतर रखा गया ।
नीमच जिले में वाटरशेड परियोजना के कंटूर ट्रेन्च के आसपास बबूल, खेर आदि बीजों का छिड़काव किया गया जिससे की प्राकृतिक रूप से वृक्षों का रोपण किया जा सके। इसका परिणाम बेहतर रहा है। क्षेत्र में हरियाली बढ़ी है और जलस्तर भी बढ़ा है।
जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव ने बताया कि जल बहाव को धीमा करने एवं ढलान वाली भूमि से मिट्टी के कटाव को धीमा करने और बंजर भूमि को फिर से हरा भरा बनाने के उद्देश्य से एवं जल के अत्यधिक बहाव को रोकने के लिए कंटूर ट्रेंच का निर्माण किया गया है। कंटूर ट्रेंच बारिश के पानी को रोकता है, धीमी गति से पानी के बहाव को बढ़ावा देता है। इससे जल नीचे जाकर तालाब जैसे स्ट्रक्चर में स्टोर होता है। इससे गर्मियों में होने वाली पेयजल की समस्या से ग्राम वासियों को निजात मिलती है, साथ ही सिंचाई के लिए भी जल उपलब्ध होता है।
नीमच जिले के मनासा विकास खंड के ग्राम पंचायत भगोरी के कृषक मुकेश धनगर ने बताया, "प्रधानमंत्री अपने सिंचाई योजना अंतर्गत हमारे गांव में कंटूर ट्रेंच का कार्य हुआ। इसमें कंटूर ट्रेंच जो खोदे गए उससे जमीन का जल स्तर बढ़ा और उससे हमारे सबके खेतों में पानी की सारी व्यवस्था होने लगी। क्योंकि जमीन का जल स्तर बढ़ गया तो खेत तालाब योजना में भी पानी अंदर आने लगा और पानी की पर्याप्त व्यवस्था होने लगी। जिससेखेतों में चारों तरफ हमारे यहां हरियाली हीं हरियाली हो रही है। हम चार-चार फसल उगा रहे हैं। प्रधानमंत्री की यह योजना शानदार है और सभी किसान खुश हैं।"
ग्राम पंचायत भगोरी के गांव वासनिया के रहने वाले किसान दिनेश नागदा ने कहा, "वाटर शेड योजना प्रधानमंत्री की ग्राम पंचायतों में चलाई बेहतरीन योजना है। इसके कारण 12 माह तक किसानों को पर्याप्त पानी की सुविधा प्राप्त हुई है। इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं।"
--आईएएनएस
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