एनसीडब्ल्यू ने महिला सुरक्षा के लिए जारी किया नया हेल्पलाइन नंबर, 14490 पर हर पल मिलेगी मदद

एनसीडब्लू ने महिला सुरक्षा के लिए जारी किया नया हेल्पलाइन नंबर, 14490 पर 24×7 मिलेगी मदद

नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। नेशनल कमीशन फॉर विमेन (एनसीडब्ल्यू) ने सोमवार को एक नई 24×7 शॉर्ट-कोड हेल्पलाइन नंबर 14490 जारी किया, जिसमें देशभर में मुश्किल में फंसी महिलाओं को जल्दी और आसानी से मदद मिल सकती है।

यह टोल-फ्री नंबर नेशनल कमीशन फॉर विमेन की मौजूदा हेल्पलाइन 7827170170 से जुड़ा एक आसानी से याद रहने वाला शॉर्ट कोड है, जिससे महिलाएं बिना किसी खर्च या देरी के मदद मांग सकती हैं।

नया शॉर्ट कोड हिंसा, उत्पीड़न या किसी भी तरह की परेशानी का सामना कर रही महिलाओं को तुरंत मदद देने के एनसीडब्ल्यू के चल रहे प्रयासों को और मजबूत करता है। पहले संपर्क के तौर पर, हेल्पलाइन सलाह देना, संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय में मदद करना और समय पर दखल देने में मदद करना जारी रखेगी।

इसमें खास बात यह है कि कमीशन को हर साल हजारों शिकायतें मिलती हैं, जिनमें घरेलू हिंसा, साइबर हैरेसमेंट, दहेज के लिए गलत व्यवहार और अन्य जेंडर-बेस्ड क्राइम शामिल हैं, जिनमें से कई मेंटल हेल्थ पर लंबे समय तक असर डालते हैं।

महिलाओं की पूरी मदद करने के लिए, हेल्पलाइन में जाने-माने मेंटल हेल्थ और काउंसलिंग इंस्टीट्यूशन से प्रोफेशनली ट्रेंड साइकोलॉजिकल काउंसलर काम करते हैं। इसका मकसद न सिर्फ महिलाओं को शिकायतें दर्ज करने में मदद करना है, बल्कि उन्हें सुरक्षित और स्ट्रक्चर्ड तरीके से ट्रॉमा से निपटने में भी मदद करना है।

महिलाओं के अधिकारों के लिए सबसे बड़ी नेशनल बॉडी के तौर पर, एनसीडब्ल्यू जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बराबरी और भागीदारी पक्का करने के लिए काम करता है। यह पॉलिसी की सिफारिशों, कानूनी मूल्यांकन, मौजूदा कानूनों को लागू करने और जेंडर-बेस्ड भेदभाव को दूर करने के मकसद से योजना और कार्यक्रम को लागू करके उनके अधिकारों और हकों को सुरक्षित करने पर फोकस करता है।

इस बीच, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक, 2023 में पूरे भारत में महिलाओं के खिलाफ लगभग 4.5 लाख क्राइम रिपोर्ट हुए, जो पिछले दो सालों के मुकाबले थोड़ी बढ़ोतरी है।

दिल्ली लगातार तीसरे साल महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित “मेगा सिटी” बनी रही। राज्यों में, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 66,381 केस दर्ज हुए, उसके बाद महाराष्ट्र (47,101), राजस्थान (45,450), पश्चिम बंगाल (34,691), और मध्य प्रदेश (32,342) का नंबर आता है।

--आईएएनएस

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