'नागपुर-इटारसी चौथी रेल लाइन परियोजना' से यातायात की क्षमता और गति बढ़ेगी: स्वप्निल नीला

'नागपुर-इटारसी चौथी रेल लाइन परियोजना' से यातायात की क्षमता और गति बढ़ेगी: स्वप्निल नीला

मुंबई, 1 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गुरुवार को नागपुर और इटारसी के बीच चौथी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी। 'नागपुर-इटारसी चौथी रेल लाइन परियोजना' दिल्ली-चेन्नई हाई डेंसिटी नेटवर्क का हिस्सा है, जिसकी लागत 5,451 करोड़ रुपए है। मध्य रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल नीला ने शुक्रवार को परियोजना की तारीफ करते हुए कहा कि इससे यातायात की क्षमता और गति बढ़ेगी।

मध्य रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल नीला ने आईएएनएस को 'नागपुर-इटारसी चौथी रेल लाइन परियोजना' के बारे में बताते हुए कहा, "नागपुर-इटारसी खंड वर्तमान में अत्यधिक भीड़भाड़ वाला है और दिल्ली-चेन्नई हाई डेंसिटी वाले नेटवर्क का हिस्सा है। 5,451 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से लगभग 297 किलोमीटर लंबी चौथी लाइन को मंजूरी मिलने से विशेष रूप से मुंबई-हावड़ा हाई डेंसिटी वाले नेटवर्क के बीच यातायात की गति और क्षमता बढ़ेगी। इस रेल लाइन में 37 स्टेशन हैं। इनमें 36 बड़े पुल, 415 छोटे पुल, 2 रोड ओवर ब्रिज, 74 रोड अंडर ब्रिज, 4 टनल और 2 रेल ओवर ब्रिज शामिल हैं।"

उन्होंने बताया, "देश भर में लगभग 144 वंदे भारत ट्रेनों के शुभारंभ के साथ, भारतीय रेलवे, विशेष रूप से मध्य रेलवे जोन में, बुनियादी ढांचे को बेहतर कर रही है, जो स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। भारतीय रेलवे लगातार यात्री सुविधाओं में वृद्धि कर रहा है और मध्य रेलवे ने 11 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों का संचालन करके इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।"

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के दो राज्यों को जोड़ने वाली 'नागपुर-इटारसी चौथी रेल लाइन' महाराष्ट्र के नागपुर जिले और मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम, बैतूल और पांढुर्ना जिलों को लाभान्वित करेगी। नागपुर में मुंबई-हावड़ा हाई डेंसिटी नेटवर्क को जोड़ने से, यह यात्री और माल यातायात की तेज और कुशल आवाजाही को भी सक्षम करेगा, 10 मिलियन टन अतिरिक्त माल के परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा और रसद लागत में 1,206 करोड़ रुपए की बचत करेगा।

मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर, आंध्र प्रदेश में श्रीशैलम और तमिलनाडु में रामेश्वरम स्थानों पर पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को लाभ होगा। इसके अलावा, इससे नियमित यात्रियों, छात्रों, व्यापारियों आदि को भी काफी लाभ होगा।

उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं, नागपुर-इटारसी चौथी लाइन, औरंगाबाद-परभणी दोहरीकरण, अलुआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन तथा डांगोवापोसी-जरोली तीसरी और चौथी रेल लाइन को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है, जिसकी कुल लागत लगभग 11,169 करोड़ रुपए है।

ये परियोजनाएं 'पीएम-गति शक्ति' राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बनाई गई हैं, जिसका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारकों के परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है। ये परियोजनाएं यात्रियों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन साधन होने के कारण जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात को कम करने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा।

--आईएएनएस

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