मालेगांव, 31 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाके के मामले में गुरुवार को एनआईए कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। यह धमाका भिक्कू चौक पर हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 17 साल बाद इस केस का फैसला आने वाला है।
मौलाना कय्यूम कासमी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इस फैसले से अपराधियों को सजा मिलने की उम्मीद है।
मौलाना ने हेमंत करकरे का जिक्र करते हुए कहा कि वो एक ईमानदार अधिकारी थे, जिन्होंने मालेगांव धमाके की जांच पूरी निष्ठा से की। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपराधियों को पकड़ा और सबूत जुटाकर कोर्ट में पेश किया। करकरे ने उस समय देश में बढ़ रही हिंसा और साजिशों को रोकने की कोशिश की। लेकिन, 26/11 हमले में उनकी शहादत हो गई। करकरे की मेहनत से भारत और इससे जुड़े लोगों की साजिशें उजागर हुईं।
मौलाना कय्यूम ने कहा कि मालेगांव के लोग और देश के सेकुलर लोग चाहते हैं कि आज का फैसला अपराधियों को सजा दिलाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि देर से आए फैसले से इंसाफ होगा और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। इस केस में अभिनव भारत और इससे जुड़े लोगों पर साजिश के आरोप हैं। लोग इस फैसले से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
मालेगांव वासियों ने करकरे की याद में भिक्कू चौक के पास एक चौक का नाम उनके सम्मान में रखा है। आसिफ बागदा, जो एक ड्राइवर थे और हिंदुस्तानी तंजीम से जुड़े थे, ने भी करकरे की याद में एक जलसा आयोजित किया था। आज भी वह चौक मालेगांव में मौजूद है और लोग करकरे को सम्मान देते हैं।
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