राजौरी, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की केंद्रित इंफ्रास्ट्रक्चर पहल के तहत जम्मू-राजौरी-पुंछ हाईवे ऐतिहासिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जहां विकास कार्य अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहे हैं। राजौरी के मंजाकोट क्षेत्र में बाईपास सड़कों, विशाल पुलों, डबल-लेन हाईवे और सुरंगों का निर्माण पूरे जोरों पर है, जिसके लिए केंद्र सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
दशकों तक संवेदनशील सीमावर्ती जिला होने के कारण राजौरी खराब सड़क संपर्क से अलग-थलग पड़ा रहा, जिससे लोगों को लंबी और थका देने वाली यात्राएं करनी पड़ती थीं। हालांकि, वर्तमान में परियोजनाओं के पूरा होने के करीब पहुंचने के साथ जम्मू से पुंछ तक की यात्रा का समय लगभग पांच घंटे रह जाएगा, जो पहले 8-10 घंटे की पीड़ा थी।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कभी इस क्षेत्र में ऐसे आधुनिक सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर की कल्पना नहीं की थी। बेसिक लिंक सड़कों के लिए संघर्ष करने से लेकर अब विश्वस्तरीय पुलों और डबल-लेन हाईवे को देखने तक, इस बदलाव को क्रांतिकारी बताया जा रहा है। लोगों ने सीमावर्ती क्षेत्रों को प्राथमिकता देने और क्षेत्र में विकास, सुरक्षा और समृद्धि की नींव रखने के लिए केंद्र सरकार के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया है।
एक स्थानीय युवक ने कहा कि मंझाकोट में नया पुल तेजी के साथ बनाया जा रहा है। जरूरत के हिसाब से कर्मचारी काम में लगे हैं और उसी हिसाब से उन्हें पैसा दिया जा रहा है। बीआरओ (बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन) के काम की प्रशंसा करते हुए स्थानीय युवक ने कहा कि बीआरओ की टीमें कड़ी मेहनत कर रही हैं और रास्तों को बनाने में जुटी हुई हैं। कोई नहीं सोच सकता था कि कठिन क्षेत्रों से रास्ता निकाला जाएगा, लेकिन आज यह सब संभव हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हम इस पहल के लिए नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं। यह सीमावर्ती इलाके और स्थानीय समुदायों के लिए एक बहुत बड़ा विकास है।
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