नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। आयुर्वेद के अनुसार नींद, भोजन और ब्रह्मचर्य जीवन के तीन मुख्य स्तंभ हैं। इनमें से नींद का विशेष महत्व है। अच्छी नींद शरीर की ऊर्जा बनाए रखती है, मन को शांत करती है, याददाश्त तेज करती है और त्वचा को भी स्वस्थ बनाए रखती है।
नींद की कमी से वात दोष बढ़ता है, जिससे चिंता, कमजोरी और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। स्वस्थ नींद को आयुर्वेद में स्वास्थ्य, सौंदर्य और दीर्घायु का मूल आधार माना गया है।
बेहतर नींद पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे बहुत प्रभावशाली हैं। सोने से पहले गुनगुने दूध में एक चुटकी जायफल डालकर पीने से मन शांत होता है और नींद जल्दी आती है।
ब्राह्मी घृत भी मस्तिष्क को शांत करने और स्मृति व बुद्धि बढ़ाने में मदद करता है। रोज रात को सोने से पहले 1 चम्मच ब्राह्मी घृत गुनगुने दूध के साथ लेने से नींद न आने की समस्या दूर होती है। अश्वगंधा पाउडर भी तनाव कम करता है और नींद को प्राकृतिक रूप से बढ़ाता है।
इसके अलावा, सोने से पहले पैरों की हल्की मालिश तिल या नारियल तेल से करना शरीर और मन को शांत करता है। केसर वाला दूध भी मानसिक तनाव कम कर गहरी नींद लाने में मदद करता है। रात में सोने से पहले गर्म पानी से हल्का स्नान करने से शरीर रिलैक्स होता है और मांसपेशियों की जकड़न कम होती है।
योग निद्रा और प्राणायाम जैसे उपाय भी बहुत लाभकारी हैं। 5 मिनट की गहरी श्वास-प्रश्वास या अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मस्तिष्क में ऑक्सीजन का संतुलन होता है और नींद स्वाभाविक रूप से आती है। इलायची-मिश्री वाला दूध पीने से मन शांत होता है और पाचन भी बेहतर रहता है। लैवेंडर या चंदन तेल की सुगंध से न्यूरोट्रांसमीटर सक्रिय होते हैं और मन शांत होता है।
यदि आपको देर रात तक फोन स्क्रॉल करने या स्क्रीन के सामने बैठने की आदत है, तो आपके लिए डिजिटल डिटॉक्स बहुत जरूरी है। सोने से कम से कम 30 मिनट पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप से दूरी बनाएं। इससे दिमाग को आराम मिलता है और नींद जल्दी आती है।
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