नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। आज के समय में कमर दर्द एक बहुत ही आम समस्या है। दिनभर मोबाइल चलाते हुए झुककर बैठना, लंबे समय तक कुर्सी पर टिके रहना, गलत तरीके से वजन उठाना और बढ़ता हुआ वजन ये सब मिलकर कमर को कमजोर बना देते हैं, इसलिए इससे बचने के लिए रोजमर्रा की आदतें सुधारना बहुत जरूरी है। कुछ छोटे से बदलाव अपनाकर कमर दर्द को काफी हद तक रोका जा सकता है।
सबसे पहला और जरूरी है सही तरीके से बैठना। बहुत देर तक झुककर बैठने से रीढ़ पर जोर पड़ता है, इसलिए हमेशा पीठ सीधी रखें और कोशिश करें कि लैपटॉप आंखों की ऊंचाई पर रहे। फोन देखते समय गर्दन नीचे न झुकाएं। हर 30-40 मिनट में उठकर थोड़ा चल लें या स्ट्रेच कर लें, इससे कमर का दबाव कम होता है। इसके साथ ही, रोज 5 मिनट की स्ट्रेचिंग भी कमर को काफी राहत देती है। कैट-काउ, बालासन और भुजंगासन जैसे हल्के योगासन रीढ़ को लचीला बनाते हैं और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत रखते हैं। स्ट्रेचिंग हमेशा धीरे और आराम से करनी चाहिए।
दूसरा बड़ा कारण है गलत तरीके से वजन उठाना। अचानक झुककर भारी चीजें उठाने से कमर पर खिंचाव आता है। इसलिए हमेशा घुटनों को मोड़कर और कमर सीधी रखकर ही वजन उठाएं। दोनों हाथों में वजन बराबर रखने से भी दबाव कम होता है। सोने की आदतें भी कमर को काफी प्रभावित करती हैं। बहुत मुलायम गद्दा कमर को बिगाड़ देता है, इसलिए मीडियम-फर्म गद्दा चुनें। पीठ के बल सोते समय घुटनों के नीचे तकिया और करवट लेकर सोते समय पैरों के बीच तकिया रखने से रीढ़ को सही सपोर्ट मिलता है।
वजन को नियंत्रित रखना भी उतना ही जरूरी है, क्योंकि बढ़ता हुआ वजन कमर पर सीधा दबाव डालता है। रोज हल्की चाल, सीढ़ियां चढ़ना और एक्टिव रहना वजन कंट्रोल में मदद करता है। कमर दर्द में हल्का गर्म सेक और तेल मालिश भी राहत देते हैं। तिल या सरसों के तेल की हल्की मालिश मांसपेशियों को आराम देती है और गर्माहट से रक्तसंचार बेहतर होता है।
इसके अलावा, दिनभर पर्याप्त पानी पीना, मोबाइल का सही से इस्तेमाल, लंबी ड्राइव के दौरान ब्रेक लेना, व्यायाम करना और पेट को साफ रखना भी कमर की सेहत के लिए जरूरी है।
--आईएएनएस
पीआईएम/एबीएम