नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। साधारण तौर पर ये माना जाता है कि पेट की समस्या सिर्फ पेट और पाचन को प्रभावित करती है, लेकिन ऐसा नहीं है। पेट से जुड़ी हर बीमारी पूरे शरीर को प्रभावित करना शुरू कर देती है।
पेट से जुड़ी एक समस्या कब्ज है, जिसे अक्सर लोग साधारण मानते हैं। लोगों का मानना है कि कब्ज खान-पान की वजह से कभी-कभार हो जाता है और ये आम बात है, लेकिन ये पूरे पाचन तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे सिर दर्द, आंतों में सूजन से लेकर बवासीर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
आयुर्वेद में कब्ज को हर रोग की जड़ माना जाता है। कब्ज यानी आंतों में जमी गदंगी शरीर में बीमारियों की जनक होती है, जो विषैले पदार्थों के जरिए अच्छे बैक्टीरिया का नाश करती हैं और खराब बैक्टीरिया तेजी से शरीर में बढ़ने लगते हैं।
आयुर्वेद में कब्ज को मलावरोध कहा गया है और इसे वात दोष की वृद्धि से जोड़कर देखा गया है। इसमें आंतों में मल सूख जाता है और वात दोष की वृद्धि की वजह से आंतों की गतिशीलता कम हो जाती है, जिससे आंत शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने में असमर्थ हो जाती है और गंदे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। कब्ज सिर्फ पाचन तंत्र को प्रभावित नहीं करती, बल्कि इससे गैस बनने की परेशानी, सिर दर्द होना, उल्टी होना, जी मचलाना, आंतों में संक्रमण, बवासीर और तनाव जैसी परेशानियां होने लगती हैं।
आयुर्वेद में कब्ज से छुटकारा पाने के कई तरीके बताए गए हैं, जिससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को निकाला जा सकता है। त्रिफला चूर्ण ऐसा चूर्ण है जिसे कई बीमारियों में दवा के रूप में लिया जाता है। इसमें आंवला, हरड़ और बहेड़ा होता है, जो कई समस्याओं में राहत देता है। सुबह खाली पेट एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी में लेना चाहिए। इससे पेट साफ होता है और आंतों पर पड़ने वाला दबाव भी कम होता है।
अंजीर और मुनक्का खाने से भी कब्ज में राहत मिलती है। रात में दोनों को भिगोकर सुबह खाली पेट लिया जा सकता है या रात में दूध के साथ अंजीर और मुनक्का को उबाल लें और गुनगुना होने पर दूध का सेवन करें। अगर इससे भी आसान तरीका जानना है, तो सुबह खाली पेट 6 मुनक्का में काला नमक भरकर सेवन करें। इन तरीकों से करने से कब्ज आंतों में टूटने लगेगी और आंतों से निकलने में आसानी होगी।
अंजीर और मुनक्का में भरपूर फाइबर होता है, जो आंतों को सक्रिय रूप से काम करने में मदद करता है।
सुबह खाली पेट नींबू और शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे पेट साफ होने में मदद मिलती है और शरीर में विटामिन सी की पूर्ति भी होती है। इसके साथ ही आहार में फाइबर ज्यादा लें। फलों के जूस से परहेज करें और साबुत फल और दालें खाएं। इसके साथ ही हल्की सैर और व्यायाम भी राहत देगा।
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