जिस देश में त्याग, तपस्या और बलिदान की भावना होती है, वह विकास के बिना नहीं रह सकता : सीएम भूपेंद्र पटेल

जिस देश में त्याग, तपस्या और बलिदान की भावना होती है, वह विकास के बिना नहीं रह सकता : सीएम भूपेंद्र पटेल

गांधीनगर, 28 जुलाई (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भारतीय मजदूर संघ के स्वर्णिम 70 वर्षों के समापन समारोह के अवसर पर कहा कि जिस देश में त्याग, तपस्या और बलिदान की भावना होती है, वह देश विकास के बिना नहीं रह सकता। भारतीय मजदूर संघ इसी मंत्र को ध्यान में रखकर अथक प्रयास कर रहा है।

भारतीय मजदूर संघ के स्वर्णिम 70वें वर्षगांठ का समापन समारोह गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में श्रम एवं रोजगार मंत्री बलवंतसिंह राजपूत की प्रेरक उपस्थिति में संपन्न हुआ।

श्रम के महत्व को समझाते हुए मुख्यमंत्री पटेल ने कहा, "हर हाथ को काम और हर काम का सम्मान" अर्थात हर काम का सम्मान होना चाहिए, जो काम कर्तव्य के अंतर्गत आता है, उसे पूरी ईमानदारी से करना चाहिए।

श्रमिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से श्रमिकों को मात्र पांच रुपए में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य के सभी अन्नपूर्णा केंद्रों में अधिक से अधिक श्रमिकों को गुणवत्तापूर्ण भोजन का लाभ मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश के नागरिकों को विभिन्न सेवाओं का लाभ उनके द्वार पर ही मिल रहा है। सरकारी सेवाएं शत-प्रतिशत पारदर्शिता के साथ आम-छोटे-गरीब लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप नागरिकों का सरकार पर विश्वास दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। जनता के विश्वास और समर्थन से प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री के इस संकल्प को साकार करने के लिए, हमने विकसित गुजरात से विकसित भारत का संकल्प लिया है। यदि हम सब मिलकर, सबके सहयोग से-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, आगे बढ़ें, तो हम एक विकसित भारत और एक विकसित गुजरात की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान से जुड़ने की सभी से अपील करते हुए कहा कि यदि प्रत्येक नागरिक एक पेड़ लगाए, तो बड़ी संख्या में हरित क्षेत्र का निर्माण किया जा सकता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग से बचाव होगा।

--आईएएनएस

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