नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार के टेलीकॉम सब्सक्रिप्शन डेटा के अनुसार, भारत में कुल टेलीफोन सब्सक्राइबर्स की संख्या मार्च के अंत में 1,200.80 मिलियन से बढ़कर अप्रैल में 1,203.84 मिलियन हो गई, जो मासिक आधार पर 0.25 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
शहरी टेलीफोन सब्सक्राइबर्स की संख्या मार्च के अंत में 666.11 मिलियन से बढ़कर अप्रैल के अंत में 667.19 मिलियन हो गई। इसी अवधि के दौरान ग्रामीण सब्सक्राइबर्स की संख्या भी 534.69 मिलियन से बढ़कर 536.65 मिलियन हो गई।
संचार मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल के दौरान शहरी और ग्रामीण टेलीफोन सब्सक्राइबर्स की मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.16 प्रतिशत और 0.37 प्रतिशत थी।
अप्रैल में कुल वायरलेस (मोबाइल और 5जी एफडब्ल्यूए) सब्सक्राइबर्स की संख्या 1,163.76 मिलियन से बढ़कर 1,166.43 मिलियन हो गई, जो कि मासिक आधार पर 0.23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है।
आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में कुल वायरलेस सब्सक्रिप्शन 632.57 मिलियन से बढ़कर 633.29 मिलियन हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सब्सक्रिप्शन 531.18 मिलियन से बढ़कर 533.14 मिलियन हो गई।
शहरी और ग्रामीण वायरलेस सब्सक्रिप्शन मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.11 प्रतिशत और 0.37 प्रतिशत दर्ज की गई है।
कुल टेली-घनत्व मार्च के अंत में 85.04 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल के अंत में 85.19 प्रतिशत हो गया।
शहरी दूरसंचार घनत्व मार्च के अंत में 131.45 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल के अंत में 131.46 प्रतिशत हो गया। इसी अवधि के दौरान ग्रामीण दूरसंचार घनत्व भी 59.06 प्रतिशत से बढ़कर 59.26 प्रतिशत हो गया।
आंकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल तक, वायरलेस सब्सक्राइबर्स की 92.08 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी प्राइवेट एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर्स के पास थी, जबकि दो पीएसयू एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर, बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी केवल 7.92 प्रतिशत थी।
भारती एयरटेल लिमिटेड के पास सबसे अधिक मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सेलुलर मोबाइल कनेक्शन हैं, जिनकी बाजार हिस्सेदारी 53.35 प्रतिशत है, जिसके बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का स्थान है।
अप्रैल में 13.48 मिलियन सब्सक्राइबर्स ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए रिक्वेस्ट सबमिट की।
--आईएएनएस
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