बाघ के पंजे वाले पेंडेंट पर विवाद: कन्‍नड़ बिग बॉस प्रतियोगी को जमानत; मंत्री के आवास पर तलाशी

बाघ के पंजे वाले पेंडेंट पर विवाद: कर्नाटक के बिग बॉस प्रतियोगी को जमानत; मंत्री के आवास पर तलाशी

बेंगलुरु, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। मशहूर हस्तियों के बाघ के पंजे से बने पेंडेंट पहनने पर चल रहे विवाद के सिलसिले में वन विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को कर्नाटक में अपनी तलाशी जारी रखी।

अधिकारियों ने शुक्रवार को राज्‍य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेलगावी शहर में स्थित आवास पर तलाशी ली। उनके बेटे मृणाल हेब्बालकर का बाघ के पंजे वाला पेंडेंट पहने फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

दूसरी ओर, कन्नड़ बिग बॉस के प्रतियोगी वर्थुर संतोष को बाघ के पंजे का पेंडेंट पहनने के मामले में शुक्रवार को बेंगलुरु के द्वितीय एसीजेएम कोर्ट ने जमानत दे दी। अदालत ने पहले उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उन्हें बेंगलुरु में रियलिटी शो के सेट से गिरफ्तार कर सीधे जेल भेज दिया गया क्योंकि प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि संतोष ने बाघ के पंजे से बना पेंडेंट पहना हुआ था।

लक्ष्मी हेब्बालकर ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उनके बेटे मृणाल को जो पहना हुआ देखा गया था वह किसी के द्वारा उपहार में दिया गया प्लास्टिक का बाघ के पंजे वाला पेंडेंट था। उन्‍होंने कहा, “मैं शुद्ध शाकाहारी हूं। मेरे घर पर वन्य जीवन से संबंधित कोई भी चीज़ मिलना असंभव है। बाघ, मोर को मारना तो दूर की बात है; मैं भेड़, मुर्गी और गाय की हत्या का विरोध करती हूं।"

वन विभाग के अधिकारियों ने हेब्बलकर के आवास का निरीक्षण किया और उनके बेटे मृणाल द्वारा पहना गया पेंडेंट ले लिया। अधिकारी पेंडेंट को परीक्षण के लिए एफएसएल भेजेंगे। मंत्री ने कहा, “बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। मेरे जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति और आम लोगों के लिए एक ही कानून है। मैं बाघ बचाओ अभियान को अपना पूरा समर्थन देती हूं।''

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने अपने घरों में हिरण के सींग, बाघ के पंजे जमा कर रखे होंगे। सरकार और वन विभाग को इन्हें जब्त करना चाहिए और लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए।

इस बीच, कलासा उपमंडल के उप रिजर्व वन अधिकारी दर्शन को एक शिकायत के बाद निलंबित कर दिया गया है। शिकायतकर्ता ने बाघ के पंजे को पेंडेंट के रूप में पहनने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। निलंबन का आदेश जिला वन पदाधिकारी नंदीश ने जारी किया। अरेनुरु गांव के रहने वाले सुप्रीत और अब्दुल ने इस संबंध में निलंबित अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

--आईएएनएस

एकेजे