कोलकाता, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया कि विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों में छात्र परिषद के चुनाव स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति के बिना नहीं हो सकते।
वर्तमान में, ज्यादातर राज्य विश्वविद्यालय राज्यपाल सीवी. आनंदा बोस द्वारा नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के साथ चल रहे हैं, जो राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच बड़े विवाद का मुद्दा बन गया है, जिसमें सचिवालय ने राज्यपाल पर राज्य शिक्षा विभाग की सहमति के बिना ऐसी नियुक्तियां करने का आरोप लगाया है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने छात्र परिषद चुनाव कराने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। अदालत में राज्य सरकार के वकील ने उन राज्य विश्वविद्यालयों में चुनाव कराने में व्यावहारिक समस्याओं का विवरण दिया, जहां वर्तमान में कोई स्थायी वीसी नहीं है।
राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता एसएन. मुखोपाध्याय ने दलील दी कि स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
जब तक वहां मामला सुलझ नहीं जाता और स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक छात्र परिषद के चुनाव नहीं हो सकते।
शीर्ष अदालत पहले ही विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति के लिए सर्च समितियों के गठन का आदेश दे चुकी है।
हालांकि, सर्च समिति के सदस्यों के रूप में राज्यपाल की सिफारिशों पर आपत्ति जताने के बाद राजभवन और राज्य शिक्षा विभाग के बीच असहमति बनी हुई है।
--आईएएनएस
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