नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस) । केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने संसद को बताया कि भारत में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने पिछले पांच वर्षों में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट) को 493 करोड़ रुपए से अधिक आवंटित किए गए हैं।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में राज्य मंत्री प्रसाद ने बताया कि नाइलिट के तहत देश भर में 43 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
नाइलिट, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कौशल विकास के लिए एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है।
राज्य मंत्री प्रसाद ने कहा, "2020-21 से नाइलिट के लिए 493 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि आवंटित की गई है। सबसे अधिक धनराशि 2024-25 में आवंटित की गई, जो 1,53,08,52,398 रुपए थी।"
उन्होंने आगे कहा, "इसकी तुलना में, 2023-24 में 1,45,38,07,249 रुपए आवंटित किए गए थे।"
राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने यह भी बताया कि वर्तमान में, 56 नाइलिट केंद्र कार्यरत हैं। इन केंद्रों के 797 मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण भागीदार (एटीपी) हैं और देश भर में 9,275 सुविधा केंद्र नाइलिट से जुड़े हैं।
प्रसाद ने कहा, "नाइलिट ने विभिन्न डिग्री/डिप्लोमा स्तर के पाठ्यक्रमों और कौशल आधारित पाठ्यक्रमों (दीर्घकालिक और अल्पकालिक) के अंतर्गत कुल 43,60,759 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया है।"
इस बीच, सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा) के तहत अपने डिजिटल साक्षरता लक्ष्य को भी पार कर लिया है। इस कार्यक्रम ने 2017 और 2024 के बीच 6.39 करोड़ लोगों को डिजिटल साक्षरता प्रदान की है, जो मूल लक्ष्य 6 करोड़ से अधिक है। योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्टफोन के उपयोग, इंटरनेट की पहुंच और डिजिटल जुड़ाव को बढ़ाना है।
ग्रामीण परिवारों के इन व्यक्तियों को मोबाइल फोन पर संदेश भेजने और फाइल अटैच करने आदि का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों की सबसे बड़ी संख्या 1.45 करोड़ उत्तर प्रदेश में थी। इसके बाद बिहार में 74.12 लाख, महाराष्ट्र में 53.23 लाख, मध्य प्रदेश में 50.69 लाख और राजस्थान में 39.70 लाख लाभार्थी रहे।
पीएमजीदिशा योजना के लाभार्थियों में क्षेत्रीय स्तर के सरकारी अधिकारी, जैसे आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता और अधिकृत राशन डीलर भी शामिल थे।
--आईएएनएस
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